Sunday, October 27, 2019

chut chudai

चुदाई का नशा : पड़ोस के लड़के से सम्बन्ध बनाई मेरी सच्ची कहानी

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हेलो दोस्तों आज मैं आपको अपनी सेक्स कहानी बताने जा रही हो कैसे मैंने एक  पड़ोस के लड़के को पटाई जो रिश्ते में देवर लगता था उससे मैंने अपने सेक्स की भूख मिटाई थी.  आपको पता है जब इंसान को कोई चीज थोड़ा खाने को मिले तो उसे खाने की इच्छा और बढ़ जाती है यही हाल मेरे साथ हुआ था जब मेरे पति दिल्ली चले गए थे शादी के 10 दिन बाद अगर कोई अपनी नई नवेली पत्नी को छोड़कर सेक्स का चस्का लगा कर अगर वह छोड़ दे तो क्या होगा आप खुद बताएं क्या मैंने कोई गलत काम किया था मुझे यह भी पता है कि मेरा पहला बच्चा और उसके लड़के का ही यह बात सिर्फ मुझे पता है यहां तक की उस लड़के को भी नहीं पता कि उसकी बेटी बड़ी हो रही है.
 यह सब कैसे हुआ था आज मैं आपको इस कहानी के माध्यम से बताने जा रही हूं यह मेरी पहली कहानी है नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर आशा करती हूं यह कहानी आपको काफी पसंद आएगी क्योंकि यह मेरी सच्ची कहानी है। 

मेरी शादी  जून के महीने में हुई थी.  शादी के 10 दिन बाद ही मेरे पति दिल्ली चले आए क्योंकि उनको ज्यादा छुट्टी नहीं था घर में मेरे साथ रहती थी उनके भी मायके से निमंत्रण आ गया था और वह अपने मायके चली गई थी उनके भाई की बेटी की शादी थी.  मेरे पड़ोस में एक लड़का रहता था मेरे से तीन-चार साल छोटा होगा शायद वह बारहवीं में पढ़ता था मैं खिड़की से हमेशा उसे देखते रहती थी मुझे लगता था कोई मेरी वासना को शांत करें क्योंकि मेरी कामवासना हमेशा भड़कते रहती थी।  मुझे लगा कि जल्द से जल्द जितना हो सके मैं इस लड़के से संपर्क बनाओ और जल्दी से जल्दी तीन-चार दिन तक रिश्ते बना दूं फिर मेरी सास आ जाएगी तो शायद मेरे लिए मुश्किल हो जाएगा।

 1 दिन की बात है काफी गर्मी पड़ रही थी बाहर कोई नहीं था वह लड़का जिसका नाम राहुल था वह कहीं से आ रहा था मैंने खिड़की से ही उनको बुलाया वह आ गए मैंने उनको बोला कि क्या आप मेरे लिए ग्लूकोज  ला दे मेरा तबीयत ठीक नहीं लग रहा है। वह करीब 10 से 15 मिनट के बाद ही ग्लूकोज लेकर आ गए. मैंने उनको कहा आप बहुत अच्छे हो इतना मदद कोई नहीं करता तो वह बोले ऐसी बात नहीं है भाभी जी जब भी आपको मेरी जरूरत पड़े तो आप बता देना मैं आपकी सेवा में हमेशा हाजिर रहूंगा आखिर किस दिन काम आता है उसका ही क्यों ना हो। तुम्हें गोली और क्या क्या मदद आप मेरी कर  सकते मुझे तो काफी मदद की जरूरत है क्योंकि आपके भैया दिल्ली चले गए मुझे छोड़कर ऐसे में तो मदद की जरूरत पड़ेगी वह अपने हां हां जब भी जो भी मदद की जरूरत हो मैं तैयार हूं तो मैं बोली कसम खाते हैं क्या आप मेरी मदद करेंगे तो उन्होंने कहा हां हां बिल्कुल मैं कसम खाता हूं.

 मैं बोली अगर मुझे कुछ और चाहिए तो वह बोले वह भी मैं दूंगा उसका भी मदद करूंगा मुझे लगा यही मौका है मैं बोल दूंगा मैंने उनको कह दिया जो आपके पेंट में है वह चाहिए।  वह बोले क्या बात कर रहे हो आप आज तक मैंने ऐसा किसी के साथ नहीं किया है और यह गलत बात होती है किसी को पता चल जाएगा तो क्या होगा इसलिए मैं यह तो हरगिज नहीं करूंगा तो मैं बोली हो गया ना आपका कसम मैं यही कह रही थी कि हो सकता है अब मुझे जरूरत है  आप मना कर रहे हो। 

वह चुपचाप खड़े रहे उसके बाद बोले समय आने दीजिए कोशिश करूंगा कि मदद कर पाऊं तो मैं खुद ही इससे बढ़िया मौका कहां से आएगा सब लोग अपने-अपने घरों में हैं मेरे साथी मेरे घर पर नहीं है वह 3 दिन बाद आएगी मैं चाहती हूं आप 3 दिन मेरे साथ बिताएं आप ही जान जाएंगे सेक्स क्या चीज होता है मैं आपको सिखा दूंगी वह बोली थी मैं खड़ी हो गई।  और उनको पकड़ कर चूमने लगी उनके लिप को काटने लगे वह अपना हाथ पीछे करके खड़े थे मैं उनके हाथ को पकड़ी और अपने चूच पर रख दी वो एक लंबी सांस नहीं है उनके लौड़े को पकड़ ली। काफी टाइम था ऐसा लग रहा था लोहे का सरिया हो मुझे इसकी जरूरत थी। मैंने तुरंत ही अपने ब्लाउज का हुक खोल दिया और ब्रा भी उतार दी गर्मी का दिन था मुझे पता था कोई नहीं आएगा दरवाजे बंद की और गई वह मेरे ऊपर लेट गए अनाड़ी क्योंकि उनको कुछ आता जाता नहीं था मैंने अपनी चूचियां  पकड़ कर उनके मुंह में डाली तब उसने उसके बाद तो दोस्तों मेरे तन बदन में आग लग गई। वह भी सिसकारियां लेने लगी लंड मोटा होने लगा। 

 उसके बाद वह मेरे बूब्स को दबाने लगे मैं मचलने लगी मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगी।  मेरी चूत गीली होने लगी। उनको मैंने अपना साड़ी उठाकर उनके मुँह के चूत के पास ले गई। और बोली जाती है पहले वह थोड़ा हिचकिचाएं  क्योंकि शायद वह यह सब पहली बार कर रहे थे मुझे तो लगता है पहली बार वह किसी औरत को छू रहे थे सेक्स के नजरिए से , मैं उनके सिर को पकड़ कर अपने चूत मेरा करने लगी वह भी काफी ज्यादा कामुक हो गए और फिर वह  अपनी ताकत का इस्तेमाल करने लगे वह वाइल्ड होकर मेरे होंठ मेरे गर्दन मेरे कंधे मेरी जांघ सबपे किश करने लगे. मैं आप और हो गई उनसे जल्दी से जल्दी उसका सरिया अपने चूत में चाहिए थे। 

वो भी अब मुझे चोदने  के लिए तैयार हो गए और तुरंत अपना मोटा हथियार निकाला और मेरी चूत  पराठा और जोर से धक्का दिया पूरा का पूरा हथियार मेरी चूत के अंदर चला गया। मैं गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी।  मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मेरी सिसकारियां निकल रही थी। आह आह उफ़ उफ़ उफ़ आह आउच ओह्ह ऐसी आवाज से कमरा गूंज रहा था पसीने पसीने हो गई थी वह भी पसीने पसीने हो गए थे मैं नीचे से धक्के दे रही थी ऊपर से धक्के दे रहे थे और बीच में फच फच की  आवाज आ रही थी। मैं अपनी मोटी जांघ से उनको लपेट ली। अपनी चूचियों को खुद से भी दबाने लगी और उनको ही बोली दबाओ और पियो वो भी ऐसा ही करने लगे। अंगड़ाइयां ले रही थी. किसी भी पल मैं झड़ने वाली थी। पर उस बन्दे में दम था स्पीड बढ़ गया था। मैं थक रही थी पर वो जोर जोर से चोदे जा रहा था। 

 अचानक एक वक्त आया और उनका पूरा माल मेरी चूत  मैं गिर गया मैं शांत हो गई वह भी शांत हो गए करीब 5 मिनट तक वह मेरे ऊपर ही बैठे रहे मैं मैं सहला रही थी।  आज मेरी वासना शांत हुई थी। यहां तक कि ऐसी चुदाई मेरे पति भी नहीं किए थे आज एक नया एक्सपीरियंस मुझे मिला था।  वह तुरंत अपने कपड़े पहने और मेरे घर से निकलते मैं लेटी रही शाम को 5:00 बजे उठती मेरा शरीर बिल्कुल हल्का लग रहा था खाना बनाई खाकर रात को 9:00 बजे वह मुझे फिर दिखे खिड़की से मैंने उनको इशारे से बुलाई और बोली रात को आ जाना। 

 रात को करीब 11:00 बजे आ गए और रात को हम दोनों ने 2 घंटे तक एक दूसरे को खूब खुश किये।  4 दिन तक हम दोनों का प्यार मोहब्बत चल तेरा फिर मेरी सास आ गई और दोस्तों हद तो तब हो गई 10 दिन बाद मेरा मेंस का टाइम था और वह नहीं आया मैं डर गई अब क्या होगा मैं प्रेग्नेंट हो गई थी मैंने एक होशियारी की मैं तबीयत खराब होने का बहाना थी और अपने पति को फोन लगाएं और बोली शायद मैं नहीं दूंगी मुझे ऐसा लग रहा है मेरी तबीयत बहुत खराब है और मैं एक से एक नाटक करने लगी औरत के झांसे में कोई भी आ जाता है दोस्तों मेरी सांसो में आ गया वह तुरंत पकड़ा और गांव वापस आए पास के शहर में जाकर मुझे दिखाया तो बोला शायद इनको मानसिक समस्या हो गई है नई जगह आई है इस वजह से इनको यह परेशानी हुई है यह बात सभी को कहते हैं जब किसी बीमारी का पता नहीं चलता वह भी मुझे इतना ही कहा.

 दो-तीन दिन में मैं नॉर्मल हो गई इस दो-तीन दिन में उन्होंने मुझे भी जम के चोदा और वो कुछ दिनों के बाद ही वह वापस दिल्ली चले गए अगले महीने खोल करके उनको बताइए कि मैं मां बनने वाली हूं आप बाप बनने वाले हैं और सच्चाई तो कुछ और था दोस्तों इस बच्चे का बाप तो कोई और था नाम तो देना ही था मैं उस लड़के का नाम नहीं दे सकती थी। 

 सब कुछ प्लान के हिसाब से चला घर वाले बहुत खुश हुए एक लड़की को जन्म दिया पर पता है यह कैसे हुआ. आशा करती हूं आपको मेरी कहानी अच्छी लगी होगी यह मेरी सच्ची कहानी है

Diwali ki chudai

भैया मुझे चोद रहे थे छत पर जब सबलोग पटाखे जला रहे थे

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दिवाली का दिन कभी कभी और भी ज्यादा खास हो जाता है जब कुछ ऐसी बातें हो जाती है जो भूलने लायक नहीं होती है। मेरे लिए भी वो हसीन पल था जब सब लोग दिवाली के दिन बाहर पटाखे जला रहे थे फुलझड़ियां जला रहे थे। उसी समय मेरे भैया मुझे बजा रहे थे छत पर। वो मेरी पहली चुदाई थी। इसके पहले मैं कभी भी सेक्स नहीं की थी। ये दिन ऐसा था जब मुझे ज़िंदगी भर याद रहेगा। आज मैं आपको नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर अपनी ये कहानी आपके सामने सुनाने जा रही हूँ। आशा करती हूँ कहानी आपको बहुत अच्छी लगेगी।
मेरा नाम दीपिका है और मेरे भैया का नाम अजय है। भैया पुणे में पढाई करते हैं और मैं कानपूर में पढ़ती हूँ। वो दीपावली में घर आये था। माँ और पापा दोनों भी अध्यापक है। दिवाली के दिन पूजा पाठ कर के हम दोनों भाई बहन पहले घर के बाहर दीपक जलाये लड़ियाँ लगाई पूरा घर जगमग कर रहा था। माँ खाना बना रही थी और पापा मामा जी के साथ बैठ कर बात कर रहे थे। माँ बोली दोनों जाओ छत पर भी दीपक जला दो एक भी कोना ऐसा नहीं रहने चाहिए जहाँ प्रकाश नहीं हो।

उसके बाद हम लोग खाना खाएंगे। तभी चाचा के लकड़ी और उनकी तीनो बेटियां भी आ गई। और कहने लगी चलो बाहर पटाखे चलाते हैं। तो हम दोनों बोले अभी पहले छत पर लाइट जला लेते हैं उसके बाद हम लोग पटाखे चलाएंगे। तो वो लोग बोले ठीक है तुम दोनों बाद में आ जाना और हम दोनों छत पर चले गए। माँ बोली छत पर जा रहे हो दरवाजा लगा देना बिल्ली आ जाती हैं घर में तो हम दोनों छत पर जाकर छत का दरवाजा लगा दिए। यानी की अब निचे से कोई नहीं आ सकता था छत पर। उस समय हम दोनों के मन में कुछ भी नहीं था।

दिये में तेल डालते डालते मैं बोली भइया आपको पुणे में मेरी याद नहीं आती है इस बार आप रक्षाबंधन में भी नहीं आये। और आज भी आपने कोई गिफ्ट नहीं दिया। ऐसा लगता है आप मुझे वहां जाकर भूल रहे हो। वो बोली नहीं पगली ऐसा हो सकता है क्या तू तो मेरी प्यारी बहन हो मैं कैसे भूल सकता तुमको। हां आज मैं गिफ्ट नहीं ला पाया पर भाईदूज के दिन तुमको तुम्हारे पसंद का जीन्स टॉप ख़रीदवाऊँगा ये मेरा वादा है। रही बात आज दिवाली की तो मैं तुम्हे गले लगा सकता हूँ अगर तुम्हारी इजाजत हो तो। तो मैं बोली प्यार में और वो भी भाई बहन की बिच में इजाजत की क्या जरुरत। मैं कड़ी हो गई और वो भी खड़े हो गए।

वो मुझे गले लगा लिए और मेरी पीठ को सहलाने लगे. फिर उन्होंने मेरे गाल पर किस कर लिए। पता नहीं दोस्तों मुझे क्या हुआ आज तक समझ नहीं आया मैं भी उनके गाल पर किश करने लगी और पीठ सहलाने लगी। वो भी मेरी पीठ सहला रहे थे और मैं भी पीठ सहला रही थी और गाल पर किश कर रही थी। अचानक वो मेरे होठ पर किश करने लगी और मैं अपने आप को रोक नहीं सकी और साथ देने लगी। दोनों की साँसे तेज चलने लगी। एक दूसरे को बाहो में डाले हुए थे। बाहर पटाखे की शोर थी।

वो बोले दीपिका आज लग रहा है मेरे ज़िंदगी की सबसे अच्छी दिवाली है। मैं बोली हां मेरे लिए भी दोनों के होठ बात करते काँप रहे थे। मेरे शरीर में करंट सी दौड़ गई और मैं पलट गई और अलग खड़ी हो गई। वो तुरंत ही मुझे पीछे से पकड़ लिए। इस बार और जोर से मेरी चूतड़ की उभर उनके लौड़े में सट रही थी। गोल गोल गांड में अपना लौड़ा रगड़ने लगे थे। और फिर पीछे से हाथ आगे कर के वो मेरी दोनों बूब्स को पकड़ लिए। मेरी चूचियां 34 साइज की है और गोल गोल और तनी हुई है। आप क्रिकेट का बाल समझ सकते हैं। वो धीरे धीरे दबाने लगी। और जैसे कुत्ते कुतिया को चोदते हैं तो कैसे करता है वैसा ही वो पीछे से करने लगा.

मैं पागल होने लगी पुरे शरीर में आग लग रही थी। गला सूखने लगा था साँसे तेज चलने लगी थी। मैं रोक नहीं पा रही थी ना तो अपने आप को ना तो भैया को। जैसे दो नदी जब एक जगह पर मिलती हैं और वहां जाकर एक हो जाती है वैसा ही हुआ था दोनों एक जगह एक हो गए थे। जो मैं चाह रही थी वही भैया चाह रहे थे। एक नेगेटिव और एक पॉजिटिव एनर्जी एक दूसरे से मिलने को आतुर थी।

तभी भैया बोला दीपिका परमिशन दो। तो मैं बोली परमिशन है।

और वो तुरंत ही छत पर एक दिवार है जहा कोई नहीं देख सकता। वही चले गए और वो मुझे घोड़ी बना दिए। मेरी पेंट निचे कर दी पेंटी भी निचे कर दिए। और पीछे से ही अपना लौड़ा घुसाने लगे मेरी चूत काफी टाइट थी और अँधेरा था कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। कई बार कोशिश करने के बाद भी मेरी चूत में लंड नहीं घुसा वो बार बार थूक लगा कर लौड़ा सेट कर रहे थे पर हरेक बार लौड़ा मूड जाता था और वो फिर से कोशिश करते थे।

शायद दोनों ही अनाड़ी थे। मैं कड़ी हो गई और अपना निचे का पेंट अपने पैरों से बाहर कर दिया। और निचे लेट गई और दोनों पैरों को ऊपर कर के फैला दी। वो तुरंत ही घुटने पर बैठ गए। उसके बाद उन्होंने मोबाइल का जलाकर मेरी चूत को देखा चुत गीली थी उन्होंने मोबाइल की लाइट में ही अपने लौड़े के चुत पर सेट किया और जोर से धक्का दिया मैं कराह उठी। भैया का लौड़ा मेरी चूत में करीब ४ इंच घुस गया था पर दर्द बहुत हो रहा था। मैंने उनको रोका बोला बहुत दर्द कर रहा है। आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

दोस्तों उन्होंने मेरी चूचियों को सहलाया और मेरे होठ पर किश करने लगी और और लौड़ा उतना हो घुसा था बस वो मेरी चूचियों को दबा रहे थे और और होठ चूस रहे थे। वो बोले अब दर्द तो नहीं कर रहा है। मैं बोली हां अभी थोड़ा थोड़ा। और उन्होंने थोड़ा निकाला करीब दो इंच उसके बाद उन्होंने फिर से डाला अब उनका लौड़ा ५ इंच के करीब अंदर चला गया मुझे फिर से दर्द हुया। वो फिर रुक गए वो चूमने लगे होठों को और चूचियों को मसलने लगे।

मेरे मुँह से दर्द भरी सिसकारियां निकल रही थी अच्छा भी लग रहा था दर्द भी हो रहा था। फिर उन्होंने लौड़ा थोड़ा बाहर किया और फिर से जोर दिया अब उनका लौड़ा पूरी तरह मेरी चूत में समा गया अब मुझे अच्छा लगने लगा हौले हौले से गांड हिलाने लगी फिर गोल गोल घुमाने लगी। उसके बाद उन्होंने भी अंदर बाहर करने लगे।

अब दोनों ही आह आह कर रहे थे होठ मेरे सुख रहे थे। पर वासना की प्यास के आगे अपने होठ को जीभ से चाट लेती और गांड उठा उठा कर धक्के दे रही थी। दोस्तों वो अब मुझे जोर जोर से पेलने लगे। हम दोनों ही एक दूसरे को मदद कर रहे थे किश कर रहे थे। करीब वो मुझे 15 मिनट तक अंधरे में चोदते रहे और अचानक वो जोर से अअअअअ आए आए की आवाज निकली और पूरा वीर्य मेरे चूत में गिरा दिया और शांत हो गए।

हम दोनों तुरंत ही उठा गए अपने कपडे पहने और उन्होने मोबाइल की लाइट जलाकर देखा वो निचे फर्श पर वीर्य भी गिरा था जो शायद मेरी चूत से निकला था और उसके साथ खून भी था शायद मेरी सील टूटी थी इस वजह से खून थे।

उन्होंने मुझे गले लगाया और फिर हैप्पी दिवाली बोला और कहा आज की रात हम दोनों लिए सबसे हसीन रात थी। हमेशा ना भूलने वाली रात थी। और दोनों एक दूसरे को दिवाली की बधाई दिए और फिर दीपक जलाने लगे।

Jism ki jvala

जिस्म की ज्वाला हुई शांत होटल में भैया के साथ

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मेरा नाम मोनिका है मैं 28 साल की हूँ। मैं बहुत ही चुड़क्कड़ स्वभाव की हूँ। मुझे मोटा लंड बहुत पसंद है। और मुझे जो देर तक चोद सके उसका तो मैं कायल हूँ। पर किस्मत को ये सब पसंद नहीं था और मेरी शादी एक ऐसे इंसान से हो गई जो देखने में तो लंबा तगड़ा था इंजीनियर था पेशे से पर चुदाई में बेकार था। और जो सबसे ख़राब आदत थी उसकी वो भी शाम को दारू पीना। जब दारू पि लेता था तब तो वो और भी बेकार हो जाता उसका लौड़ा फिर खड़ा ही नहीं होता था। अब आप खुद सोचिये जो नंगी बेड पर लेती हो चूचियां दोनों तनी हुई हो और चूत गीली हो और उसका पति सो जाये तो क्या करेगा। अगर मैं गलत बोल रही हूँ तो आप बताओ?
मैं तंग आ गई थी आखिर कार मुझे अपने मायका आना पड़ा। मैंने अपने पति का घर छोड़ दिया। करती क्या ? तंग हो चुकी थी मैं। रहने लगी अपने मम्मी के साथ, मेरे एक भैया है अपना नहीं मैं उनको भैया बोलती हूँ। ऐसे मैं फरीदाबाद में रहती हूँ और भैया दिल्ली के अशोक विहार में रहते हैं। मैं उनके लिए डाटा एंट्री का काम करती हूँ तो कभी कभी मिलने भी जाती हूँ। पर जब से मैं अपने पति को छोड़ी थोड़ा ज्यादा जाने लगी।

वो मेरी चूचियों का दीवाना हैं। क्यों की जब भी झुकी उनका ध्यान मेरे चूचियों पर चला जाता था। वो कहते थे साडी पहनो जब मेरे से मिलने आओ क्यों की साडी में जिस्म सही से दीखता है अगर माल हॉट हो तो। पेट के साइड से और आँचल के निचे से पता चल जाता है बूब्स कितना बड़ा है। और साडी थोड़ी पतली हो तो क्या कहने फिर से दुकानदार बूब देखकर ही ब्रा निकाल कर दे देगा बिना पूछे की कितना नंबर का ब्रा होता है।

दोस्तों धीरे धीरे बात बढ़ने लगी और वो मेरे करीब आ गए यानी दिल के करीब अब उनके मुँह से सुनना चाहती थी की क्या मेरे साथ चलोगी बाहर।और वो दिन भी आ गया एक दिन जब उनसे मिलने गई तो उन्होंने मुझे ऑफर किया की क्या हम बाहर घूमने जा सकते हैं ?

पर दिक्कत ये थी की उसी दिन शाम को मेरे पति के घर वाले और पति मेरे घर पर आने वाले थे मुझे मनाने। ताकि तलाक मत लो। उनको क्या पता था जब चुदाई नहीं तो साथ क्या रहना। मैं बोली फ्री तो हूँ पर शाम के 6 बजे तक फिर मुझे फरीदाबाद निकलना होगा। और अभी 11 बज रहे हैं देख लो मैं इतने देर तक फ्री हूँ। वो भैया खुश हो गए बोले बहुत है। और उन्होंने तुरंत ही ऑनलाइन होटल बुक किया और हम दोनों कैब मांगकर होटल चले गए।

होटल में पति पत्नी के नाम पर एंट्री लिए और दरवाजा बंद करते ही वो मेरे ऊपर टूट पड़े सच तो ये भी है की मैं ज्यादा टूट पड़ी और ऐसा लग रहा था की होटल के कमरे में कुस्ती हो रही हो एक दूसरे को वाइल्ड तरीके से किश कर रहे थे वो मेरी चूचियों को जोर से दबा रहे थे मेरे गर्दन गाल होठ पीठ बांह कांख पीठ चूतड़ पर किश कर रहे थे अपना जीभ मेरे नाभि में डाल रहे थे। मैं पागल हो गई थी ऐसी ही चाहती थी मुझे कोई कामुक करे। ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

उसके बाद उन्होंने सारे कपडे अपने उतार दिए और फिर मेरे कपडे उतार दिए बस ब्रा और पेंटी छोड़ दी। अब मुझे बेड पर लिटा कर मेरे पैर के तलवे से लेकर मेरे सिर के बाल तक जीभ फिरा रहे थे आप खुद सोचिए क्या हाल होगा किसी लड़की को या किसी औरत को। मैं तो पानी पानी हो गई थी मेरे चूत से गर्म गर्म पानी निकलने लगा मेरे मुँह से सिसकारिआं आने लगी। मैं खुद ही अपनी चूचियों को दबा रही थी अपने होठ को दांत से काट रही थी बार बार मेरा होठ सुख रहा था तो अपने होठ पर जीभ फिरा रही थी।

दोस्तों उन्होंने मेरे चूत को चाटना शुरू किया और अपना नाक तक मेरी चूत में घुसाने लगे मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैं खुद उनके बालों को पकड़ पर अपने चूत में रगड़ रही थी। पैर फैलाकर क्या बताऊँ मेरे शरीर में कैसी सिहरन हो रही थी। मजा आ गया था। उन्होंने मेरे मुँह में अपना लंड घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगी फिर मैं उनके लंड को पकड़ ली और आइस क्रीम की तरह चूसने लगी उनके लंड से नमकीन माल निकलने लगा था और मैं उस नमकीन स्वाद का मजा ले रही थी।

उन्होंने फिर मुझे उलटा घुमा दिया मैं पेट के बल आ गई और उन्होंने मेरे चूतड़ को दोनों हाथो से अलग अलग किया और मेरी गांड के छेद को चाटने लगे। मैं तो परेशां हो गई लग रहा था घुसा दे चाहे चुत में या गांड में या मेरे नाभि में छेद कर दे अपने लौड़े से। दोस्तों उसके बाद उन्होंने अपना मोटा लौड़ा निकाला थोड़ा थूक लगाया और मेरी मोटी गांड में पेल दिया अब शुरू हो गया था जिस्म की आग शांत करने का समय। मैं गाँड़ मरवाने लगी पर अपना चूत में बेड पर रगड़ रही थी आप विस्वास नहीं करेंगे। वह की बेडशीट गीली हो गई थी मेरे चूत की पानी से।

उन्होंने मुझे सीधा किया और फिर मेरे दोनों पैर अपने कंधे पर रखे और मेरे चूत में लंड घुसा दिया पहली बार मेरे चूत में ऐसा लौड़ा गया अंदर तक। मैं खुश हो गई मेरी आग और बढ़ गई अब वो धक्के देने लगे। जोर जोर से जैसे जैसे धक्के देते मेरी चूचियां फूटबाल की तरह हिलती और मेरा पूरा शरीर हिल जाता मैं कस कर बेडशीट पकड़ रखी थी। मैं आह आह आह ओह्ह ओह्ह ओह्ह की आवाज़ निकल रही थी और वो भी जोर जोर से मुझे चोद रहे थे। फिर अलग अलग तरीके से करीब ५ घंटे तक चोदा थोड़ा समय ले ले कर।

दोस्तों आज भैया ने होटल में मेरी वासना शांत की जो कब की प्यासी थी। मुझे बहुत पसंद आया मेरी चुदाई होटल में। अब देखिये आगे आगे क्या होता है। जो भी होगा मैं
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