चुदाई का नशा : पड़ोस के लड़के से सम्बन्ध बनाई मेरी सच्ची कहानी
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मेरी शादी जून के महीने में हुई थी. शादी के 10 दिन बाद ही मेरे पति दिल्ली चले आए क्योंकि उनको ज्यादा छुट्टी नहीं था घर में मेरे साथ रहती थी उनके भी मायके से निमंत्रण आ गया था और वह अपने मायके चली गई थी उनके भाई की बेटी की शादी थी. मेरे पड़ोस में एक लड़का रहता था मेरे से तीन-चार साल छोटा होगा शायद वह बारहवीं में पढ़ता था मैं खिड़की से हमेशा उसे देखते रहती थी मुझे लगता था कोई मेरी वासना को शांत करें क्योंकि मेरी कामवासना हमेशा भड़कते रहती थी। मुझे लगा कि जल्द से जल्द जितना हो सके मैं इस लड़के से संपर्क बनाओ और जल्दी से जल्दी तीन-चार दिन तक रिश्ते बना दूं फिर मेरी सास आ जाएगी तो शायद मेरे लिए मुश्किल हो जाएगा।
1 दिन की बात है काफी गर्मी पड़ रही थी बाहर कोई नहीं था वह लड़का जिसका नाम राहुल था वह कहीं से आ रहा था मैंने खिड़की से ही उनको बुलाया वह आ गए मैंने उनको बोला कि क्या आप मेरे लिए ग्लूकोज ला दे मेरा तबीयत ठीक नहीं लग रहा है। वह करीब 10 से 15 मिनट के बाद ही ग्लूकोज लेकर आ गए. मैंने उनको कहा आप बहुत अच्छे हो इतना मदद कोई नहीं करता तो वह बोले ऐसी बात नहीं है भाभी जी जब भी आपको मेरी जरूरत पड़े तो आप बता देना मैं आपकी सेवा में हमेशा हाजिर रहूंगा आखिर किस दिन काम आता है उसका ही क्यों ना हो। तुम्हें गोली और क्या क्या मदद आप मेरी कर सकते मुझे तो काफी मदद की जरूरत है क्योंकि आपके भैया दिल्ली चले गए मुझे छोड़कर ऐसे में तो मदद की जरूरत पड़ेगी वह अपने हां हां जब भी जो भी मदद की जरूरत हो मैं तैयार हूं तो मैं बोली कसम खाते हैं क्या आप मेरी मदद करेंगे तो उन्होंने कहा हां हां बिल्कुल मैं कसम खाता हूं.
मैं बोली अगर मुझे कुछ और चाहिए तो वह बोले वह भी मैं दूंगा उसका भी मदद करूंगा मुझे लगा यही मौका है मैं बोल दूंगा मैंने उनको कह दिया जो आपके पेंट में है वह चाहिए। वह बोले क्या बात कर रहे हो आप आज तक मैंने ऐसा किसी के साथ नहीं किया है और यह गलत बात होती है किसी को पता चल जाएगा तो क्या होगा इसलिए मैं यह तो हरगिज नहीं करूंगा तो मैं बोली हो गया ना आपका कसम मैं यही कह रही थी कि हो सकता है अब मुझे जरूरत है आप मना कर रहे हो।
वह चुपचाप खड़े रहे उसके बाद बोले समय आने दीजिए कोशिश करूंगा कि मदद कर पाऊं तो मैं खुद ही इससे बढ़िया मौका कहां से आएगा सब लोग अपने-अपने घरों में हैं मेरे साथी मेरे घर पर नहीं है वह 3 दिन बाद आएगी मैं चाहती हूं आप 3 दिन मेरे साथ बिताएं आप ही जान जाएंगे सेक्स क्या चीज होता है मैं आपको सिखा दूंगी वह बोली थी मैं खड़ी हो गई। और उनको पकड़ कर चूमने लगी उनके लिप को काटने लगे वह अपना हाथ पीछे करके खड़े थे मैं उनके हाथ को पकड़ी और अपने चूच पर रख दी वो एक लंबी सांस नहीं है उनके लौड़े को पकड़ ली। काफी टाइम था ऐसा लग रहा था लोहे का सरिया हो मुझे इसकी जरूरत थी। मैंने तुरंत ही अपने ब्लाउज का हुक खोल दिया और ब्रा भी उतार दी गर्मी का दिन था मुझे पता था कोई नहीं आएगा दरवाजे बंद की और गई वह मेरे ऊपर लेट गए अनाड़ी क्योंकि उनको कुछ आता जाता नहीं था मैंने अपनी चूचियां पकड़ कर उनके मुंह में डाली तब उसने उसके बाद तो दोस्तों मेरे तन बदन में आग लग गई। वह भी सिसकारियां लेने लगी लंड मोटा होने लगा।
उसके बाद वह मेरे बूब्स को दबाने लगे मैं मचलने लगी मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगी। मेरी चूत गीली होने लगी। उनको मैंने अपना साड़ी उठाकर उनके मुँह के चूत के पास ले गई। और बोली जाती है पहले वह थोड़ा हिचकिचाएं क्योंकि शायद वह यह सब पहली बार कर रहे थे मुझे तो लगता है पहली बार वह किसी औरत को छू रहे थे सेक्स के नजरिए से , मैं उनके सिर को पकड़ कर अपने चूत मेरा करने लगी वह भी काफी ज्यादा कामुक हो गए और फिर वह अपनी ताकत का इस्तेमाल करने लगे वह वाइल्ड होकर मेरे होंठ मेरे गर्दन मेरे कंधे मेरी जांघ सबपे किश करने लगे. मैं आप और हो गई उनसे जल्दी से जल्दी उसका सरिया अपने चूत में चाहिए थे।
अचानक एक वक्त आया और उनका पूरा माल मेरी चूत मैं गिर गया मैं शांत हो गई वह भी शांत हो गए करीब 5 मिनट तक वह मेरे ऊपर ही बैठे रहे मैं मैं सहला रही थी। आज मेरी वासना शांत हुई थी। यहां तक कि ऐसी चुदाई मेरे पति भी नहीं किए थे आज एक नया एक्सपीरियंस मुझे मिला था। वह तुरंत अपने कपड़े पहने और मेरे घर से निकलते मैं लेटी रही शाम को 5:00 बजे उठती मेरा शरीर बिल्कुल हल्का लग रहा था खाना बनाई खाकर रात को 9:00 बजे वह मुझे फिर दिखे खिड़की से मैंने उनको इशारे से बुलाई और बोली रात को आ जाना।
रात को करीब 11:00 बजे आ गए और रात को हम दोनों ने 2 घंटे तक एक दूसरे को खूब खुश किये। 4 दिन तक हम दोनों का प्यार मोहब्बत चल तेरा फिर मेरी सास आ गई और दोस्तों हद तो तब हो गई 10 दिन बाद मेरा मेंस का टाइम था और वह नहीं आया मैं डर गई अब क्या होगा मैं प्रेग्नेंट हो गई थी मैंने एक होशियारी की मैं तबीयत खराब होने का बहाना थी और अपने पति को फोन लगाएं और बोली शायद मैं नहीं दूंगी मुझे ऐसा लग रहा है मेरी तबीयत बहुत खराब है और मैं एक से एक नाटक करने लगी औरत के झांसे में कोई भी आ जाता है दोस्तों मेरी सांसो में आ गया वह तुरंत पकड़ा और गांव वापस आए पास के शहर में जाकर मुझे दिखाया तो बोला शायद इनको मानसिक समस्या हो गई है नई जगह आई है इस वजह से इनको यह परेशानी हुई है यह बात सभी को कहते हैं जब किसी बीमारी का पता नहीं चलता वह भी मुझे इतना ही कहा.
सब कुछ प्लान के हिसाब से चला घर वाले बहुत खुश हुए एक लड़की को जन्म दिया पर पता है यह कैसे हुआ. आशा करती हूं आपको मेरी कहानी अच्छी लगी होगी यह मेरी सच्ची कहानी है

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