Tuesday, October 29, 2019
Sunday, October 27, 2019
chut chudai
चुदाई का नशा : पड़ोस के लड़के से सम्बन्ध बनाई मेरी सच्ची कहानी
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मेरी शादी जून के महीने में हुई थी. शादी के 10 दिन बाद ही मेरे पति दिल्ली चले आए क्योंकि उनको ज्यादा छुट्टी नहीं था घर में मेरे साथ रहती थी उनके भी मायके से निमंत्रण आ गया था और वह अपने मायके चली गई थी उनके भाई की बेटी की शादी थी. मेरे पड़ोस में एक लड़का रहता था मेरे से तीन-चार साल छोटा होगा शायद वह बारहवीं में पढ़ता था मैं खिड़की से हमेशा उसे देखते रहती थी मुझे लगता था कोई मेरी वासना को शांत करें क्योंकि मेरी कामवासना हमेशा भड़कते रहती थी। मुझे लगा कि जल्द से जल्द जितना हो सके मैं इस लड़के से संपर्क बनाओ और जल्दी से जल्दी तीन-चार दिन तक रिश्ते बना दूं फिर मेरी सास आ जाएगी तो शायद मेरे लिए मुश्किल हो जाएगा।
1 दिन की बात है काफी गर्मी पड़ रही थी बाहर कोई नहीं था वह लड़का जिसका नाम राहुल था वह कहीं से आ रहा था मैंने खिड़की से ही उनको बुलाया वह आ गए मैंने उनको बोला कि क्या आप मेरे लिए ग्लूकोज ला दे मेरा तबीयत ठीक नहीं लग रहा है। वह करीब 10 से 15 मिनट के बाद ही ग्लूकोज लेकर आ गए. मैंने उनको कहा आप बहुत अच्छे हो इतना मदद कोई नहीं करता तो वह बोले ऐसी बात नहीं है भाभी जी जब भी आपको मेरी जरूरत पड़े तो आप बता देना मैं आपकी सेवा में हमेशा हाजिर रहूंगा आखिर किस दिन काम आता है उसका ही क्यों ना हो। तुम्हें गोली और क्या क्या मदद आप मेरी कर सकते मुझे तो काफी मदद की जरूरत है क्योंकि आपके भैया दिल्ली चले गए मुझे छोड़कर ऐसे में तो मदद की जरूरत पड़ेगी वह अपने हां हां जब भी जो भी मदद की जरूरत हो मैं तैयार हूं तो मैं बोली कसम खाते हैं क्या आप मेरी मदद करेंगे तो उन्होंने कहा हां हां बिल्कुल मैं कसम खाता हूं.
मैं बोली अगर मुझे कुछ और चाहिए तो वह बोले वह भी मैं दूंगा उसका भी मदद करूंगा मुझे लगा यही मौका है मैं बोल दूंगा मैंने उनको कह दिया जो आपके पेंट में है वह चाहिए। वह बोले क्या बात कर रहे हो आप आज तक मैंने ऐसा किसी के साथ नहीं किया है और यह गलत बात होती है किसी को पता चल जाएगा तो क्या होगा इसलिए मैं यह तो हरगिज नहीं करूंगा तो मैं बोली हो गया ना आपका कसम मैं यही कह रही थी कि हो सकता है अब मुझे जरूरत है आप मना कर रहे हो।
वह चुपचाप खड़े रहे उसके बाद बोले समय आने दीजिए कोशिश करूंगा कि मदद कर पाऊं तो मैं खुद ही इससे बढ़िया मौका कहां से आएगा सब लोग अपने-अपने घरों में हैं मेरे साथी मेरे घर पर नहीं है वह 3 दिन बाद आएगी मैं चाहती हूं आप 3 दिन मेरे साथ बिताएं आप ही जान जाएंगे सेक्स क्या चीज होता है मैं आपको सिखा दूंगी वह बोली थी मैं खड़ी हो गई। और उनको पकड़ कर चूमने लगी उनके लिप को काटने लगे वह अपना हाथ पीछे करके खड़े थे मैं उनके हाथ को पकड़ी और अपने चूच पर रख दी वो एक लंबी सांस नहीं है उनके लौड़े को पकड़ ली। काफी टाइम था ऐसा लग रहा था लोहे का सरिया हो मुझे इसकी जरूरत थी। मैंने तुरंत ही अपने ब्लाउज का हुक खोल दिया और ब्रा भी उतार दी गर्मी का दिन था मुझे पता था कोई नहीं आएगा दरवाजे बंद की और गई वह मेरे ऊपर लेट गए अनाड़ी क्योंकि उनको कुछ आता जाता नहीं था मैंने अपनी चूचियां पकड़ कर उनके मुंह में डाली तब उसने उसके बाद तो दोस्तों मेरे तन बदन में आग लग गई। वह भी सिसकारियां लेने लगी लंड मोटा होने लगा।
उसके बाद वह मेरे बूब्स को दबाने लगे मैं मचलने लगी मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगी। मेरी चूत गीली होने लगी। उनको मैंने अपना साड़ी उठाकर उनके मुँह के चूत के पास ले गई। और बोली जाती है पहले वह थोड़ा हिचकिचाएं क्योंकि शायद वह यह सब पहली बार कर रहे थे मुझे तो लगता है पहली बार वह किसी औरत को छू रहे थे सेक्स के नजरिए से , मैं उनके सिर को पकड़ कर अपने चूत मेरा करने लगी वह भी काफी ज्यादा कामुक हो गए और फिर वह अपनी ताकत का इस्तेमाल करने लगे वह वाइल्ड होकर मेरे होंठ मेरे गर्दन मेरे कंधे मेरी जांघ सबपे किश करने लगे. मैं आप और हो गई उनसे जल्दी से जल्दी उसका सरिया अपने चूत में चाहिए थे।
अचानक एक वक्त आया और उनका पूरा माल मेरी चूत मैं गिर गया मैं शांत हो गई वह भी शांत हो गए करीब 5 मिनट तक वह मेरे ऊपर ही बैठे रहे मैं मैं सहला रही थी। आज मेरी वासना शांत हुई थी। यहां तक कि ऐसी चुदाई मेरे पति भी नहीं किए थे आज एक नया एक्सपीरियंस मुझे मिला था। वह तुरंत अपने कपड़े पहने और मेरे घर से निकलते मैं लेटी रही शाम को 5:00 बजे उठती मेरा शरीर बिल्कुल हल्का लग रहा था खाना बनाई खाकर रात को 9:00 बजे वह मुझे फिर दिखे खिड़की से मैंने उनको इशारे से बुलाई और बोली रात को आ जाना।
रात को करीब 11:00 बजे आ गए और रात को हम दोनों ने 2 घंटे तक एक दूसरे को खूब खुश किये। 4 दिन तक हम दोनों का प्यार मोहब्बत चल तेरा फिर मेरी सास आ गई और दोस्तों हद तो तब हो गई 10 दिन बाद मेरा मेंस का टाइम था और वह नहीं आया मैं डर गई अब क्या होगा मैं प्रेग्नेंट हो गई थी मैंने एक होशियारी की मैं तबीयत खराब होने का बहाना थी और अपने पति को फोन लगाएं और बोली शायद मैं नहीं दूंगी मुझे ऐसा लग रहा है मेरी तबीयत बहुत खराब है और मैं एक से एक नाटक करने लगी औरत के झांसे में कोई भी आ जाता है दोस्तों मेरी सांसो में आ गया वह तुरंत पकड़ा और गांव वापस आए पास के शहर में जाकर मुझे दिखाया तो बोला शायद इनको मानसिक समस्या हो गई है नई जगह आई है इस वजह से इनको यह परेशानी हुई है यह बात सभी को कहते हैं जब किसी बीमारी का पता नहीं चलता वह भी मुझे इतना ही कहा.
सब कुछ प्लान के हिसाब से चला घर वाले बहुत खुश हुए एक लड़की को जन्म दिया पर पता है यह कैसे हुआ. आशा करती हूं आपको मेरी कहानी अच्छी लगी होगी यह मेरी सच्ची कहानी है
Diwali ki chudai
भैया मुझे चोद रहे थे छत पर जब सबलोग पटाखे जला रहे थे
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उसके बाद हम लोग खाना खाएंगे। तभी चाचा के लकड़ी और उनकी तीनो बेटियां भी आ गई। और कहने लगी चलो बाहर पटाखे चलाते हैं। तो हम दोनों बोले अभी पहले छत पर लाइट जला लेते हैं उसके बाद हम लोग पटाखे चलाएंगे। तो वो लोग बोले ठीक है तुम दोनों बाद में आ जाना और हम दोनों छत पर चले गए। माँ बोली छत पर जा रहे हो दरवाजा लगा देना बिल्ली आ जाती हैं घर में तो हम दोनों छत पर जाकर छत का दरवाजा लगा दिए। यानी की अब निचे से कोई नहीं आ सकता था छत पर। उस समय हम दोनों के मन में कुछ भी नहीं था।
दिये में तेल डालते डालते मैं बोली भइया आपको पुणे में मेरी याद नहीं आती है इस बार आप रक्षाबंधन में भी नहीं आये। और आज भी आपने कोई गिफ्ट नहीं दिया। ऐसा लगता है आप मुझे वहां जाकर भूल रहे हो। वो बोली नहीं पगली ऐसा हो सकता है क्या तू तो मेरी प्यारी बहन हो मैं कैसे भूल सकता तुमको। हां आज मैं गिफ्ट नहीं ला पाया पर भाईदूज के दिन तुमको तुम्हारे पसंद का जीन्स टॉप ख़रीदवाऊँगा ये मेरा वादा है। रही बात आज दिवाली की तो मैं तुम्हे गले लगा सकता हूँ अगर तुम्हारी इजाजत हो तो। तो मैं बोली प्यार में और वो भी भाई बहन की बिच में इजाजत की क्या जरुरत। मैं कड़ी हो गई और वो भी खड़े हो गए।
वो मुझे गले लगा लिए और मेरी पीठ को सहलाने लगे. फिर उन्होंने मेरे गाल पर किस कर लिए। पता नहीं दोस्तों मुझे क्या हुआ आज तक समझ नहीं आया मैं भी उनके गाल पर किश करने लगी और पीठ सहलाने लगी। वो भी मेरी पीठ सहला रहे थे और मैं भी पीठ सहला रही थी और गाल पर किश कर रही थी। अचानक वो मेरे होठ पर किश करने लगी और मैं अपने आप को रोक नहीं सकी और साथ देने लगी। दोनों की साँसे तेज चलने लगी। एक दूसरे को बाहो में डाले हुए थे। बाहर पटाखे की शोर थी।
वो बोले दीपिका आज लग रहा है मेरे ज़िंदगी की सबसे अच्छी दिवाली है। मैं बोली हां मेरे लिए भी दोनों के होठ बात करते काँप रहे थे। मेरे शरीर में करंट सी दौड़ गई और मैं पलट गई और अलग खड़ी हो गई। वो तुरंत ही मुझे पीछे से पकड़ लिए। इस बार और जोर से मेरी चूतड़ की उभर उनके लौड़े में सट रही थी। गोल गोल गांड में अपना लौड़ा रगड़ने लगे थे। और फिर पीछे से हाथ आगे कर के वो मेरी दोनों बूब्स को पकड़ लिए। मेरी चूचियां 34 साइज की है और गोल गोल और तनी हुई है। आप क्रिकेट का बाल समझ सकते हैं। वो धीरे धीरे दबाने लगी। और जैसे कुत्ते कुतिया को चोदते हैं तो कैसे करता है वैसा ही वो पीछे से करने लगा.
मैं पागल होने लगी पुरे शरीर में आग लग रही थी। गला सूखने लगा था साँसे तेज चलने लगी थी। मैं रोक नहीं पा रही थी ना तो अपने आप को ना तो भैया को। जैसे दो नदी जब एक जगह पर मिलती हैं और वहां जाकर एक हो जाती है वैसा ही हुआ था दोनों एक जगह एक हो गए थे। जो मैं चाह रही थी वही भैया चाह रहे थे। एक नेगेटिव और एक पॉजिटिव एनर्जी एक दूसरे से मिलने को आतुर थी।
और वो तुरंत ही छत पर एक दिवार है जहा कोई नहीं देख सकता। वही चले गए और वो मुझे घोड़ी बना दिए। मेरी पेंट निचे कर दी पेंटी भी निचे कर दिए। और पीछे से ही अपना लौड़ा घुसाने लगे मेरी चूत काफी टाइट थी और अँधेरा था कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। कई बार कोशिश करने के बाद भी मेरी चूत में लंड नहीं घुसा वो बार बार थूक लगा कर लौड़ा सेट कर रहे थे पर हरेक बार लौड़ा मूड जाता था और वो फिर से कोशिश करते थे।
शायद दोनों ही अनाड़ी थे। मैं कड़ी हो गई और अपना निचे का पेंट अपने पैरों से बाहर कर दिया। और निचे लेट गई और दोनों पैरों को ऊपर कर के फैला दी। वो तुरंत ही घुटने पर बैठ गए। उसके बाद उन्होंने मोबाइल का जलाकर मेरी चूत को देखा चुत गीली थी उन्होंने मोबाइल की लाइट में ही अपने लौड़े के चुत पर सेट किया और जोर से धक्का दिया मैं कराह उठी। भैया का लौड़ा मेरी चूत में करीब ४ इंच घुस गया था पर दर्द बहुत हो रहा था। मैंने उनको रोका बोला बहुत दर्द कर रहा है। आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
मेरे मुँह से दर्द भरी सिसकारियां निकल रही थी अच्छा भी लग रहा था दर्द भी हो रहा था। फिर उन्होंने लौड़ा थोड़ा बाहर किया और फिर से जोर दिया अब उनका लौड़ा पूरी तरह मेरी चूत में समा गया अब मुझे अच्छा लगने लगा हौले हौले से गांड हिलाने लगी फिर गोल गोल घुमाने लगी। उसके बाद उन्होंने भी अंदर बाहर करने लगे।
अब दोनों ही आह आह कर रहे थे होठ मेरे सुख रहे थे। पर वासना की प्यास के आगे अपने होठ को जीभ से चाट लेती और गांड उठा उठा कर धक्के दे रही थी। दोस्तों वो अब मुझे जोर जोर से पेलने लगे। हम दोनों ही एक दूसरे को मदद कर रहे थे किश कर रहे थे। करीब वो मुझे 15 मिनट तक अंधरे में चोदते रहे और अचानक वो जोर से अअअअअ आए आए की आवाज निकली और पूरा वीर्य मेरे चूत में गिरा दिया और शांत हो गए।
हम दोनों तुरंत ही उठा गए अपने कपडे पहने और उन्होने मोबाइल की लाइट जलाकर देखा वो निचे फर्श पर वीर्य भी गिरा था जो शायद मेरी चूत से निकला था और उसके साथ खून भी था शायद मेरी सील टूटी थी इस वजह से खून थे।
उन्होंने मुझे गले लगाया और फिर हैप्पी दिवाली बोला और कहा आज की रात हम दोनों लिए सबसे हसीन रात थी। हमेशा ना भूलने वाली रात थी। और दोनों एक दूसरे को दिवाली की बधाई दिए और फिर दीपक जलाने लगे।
Jism ki jvala
जिस्म की ज्वाला हुई शांत होटल में भैया के साथ
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वो मेरी चूचियों का दीवाना हैं। क्यों की जब भी झुकी उनका ध्यान मेरे चूचियों पर चला जाता था। वो कहते थे साडी पहनो जब मेरे से मिलने आओ क्यों की साडी में जिस्म सही से दीखता है अगर माल हॉट हो तो। पेट के साइड से और आँचल के निचे से पता चल जाता है बूब्स कितना बड़ा है। और साडी थोड़ी पतली हो तो क्या कहने फिर से दुकानदार बूब देखकर ही ब्रा निकाल कर दे देगा बिना पूछे की कितना नंबर का ब्रा होता है।
दोस्तों धीरे धीरे बात बढ़ने लगी और वो मेरे करीब आ गए यानी दिल के करीब अब उनके मुँह से सुनना चाहती थी की क्या मेरे साथ चलोगी बाहर।और वो दिन भी आ गया एक दिन जब उनसे मिलने गई तो उन्होंने मुझे ऑफर किया की क्या हम बाहर घूमने जा सकते हैं ?
पर दिक्कत ये थी की उसी दिन शाम को मेरे पति के घर वाले और पति मेरे घर पर आने वाले थे मुझे मनाने। ताकि तलाक मत लो। उनको क्या पता था जब चुदाई नहीं तो साथ क्या रहना। मैं बोली फ्री तो हूँ पर शाम के 6 बजे तक फिर मुझे फरीदाबाद निकलना होगा। और अभी 11 बज रहे हैं देख लो मैं इतने देर तक फ्री हूँ। वो भैया खुश हो गए बोले बहुत है। और उन्होंने तुरंत ही ऑनलाइन होटल बुक किया और हम दोनों कैब मांगकर होटल चले गए।
होटल में पति पत्नी के नाम पर एंट्री लिए और दरवाजा बंद करते ही वो मेरे ऊपर टूट पड़े सच तो ये भी है की मैं ज्यादा टूट पड़ी और ऐसा लग रहा था की होटल के कमरे में कुस्ती हो रही हो एक दूसरे को वाइल्ड तरीके से किश कर रहे थे वो मेरी चूचियों को जोर से दबा रहे थे मेरे गर्दन गाल होठ पीठ बांह कांख पीठ चूतड़ पर किश कर रहे थे अपना जीभ मेरे नाभि में डाल रहे थे। मैं पागल हो गई थी ऐसी ही चाहती थी मुझे कोई कामुक करे। ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
उसके बाद उन्होंने सारे कपडे अपने उतार दिए और फिर मेरे कपडे उतार दिए बस ब्रा और पेंटी छोड़ दी। अब मुझे बेड पर लिटा कर मेरे पैर के तलवे से लेकर मेरे सिर के बाल तक जीभ फिरा रहे थे आप खुद सोचिए क्या हाल होगा किसी लड़की को या किसी औरत को। मैं तो पानी पानी हो गई थी मेरे चूत से गर्म गर्म पानी निकलने लगा मेरे मुँह से सिसकारिआं आने लगी। मैं खुद ही अपनी चूचियों को दबा रही थी अपने होठ को दांत से काट रही थी बार बार मेरा होठ सुख रहा था तो अपने होठ पर जीभ फिरा रही थी।
उन्होंने फिर मुझे उलटा घुमा दिया मैं पेट के बल आ गई और उन्होंने मेरे चूतड़ को दोनों हाथो से अलग अलग किया और मेरी गांड के छेद को चाटने लगे। मैं तो परेशां हो गई लग रहा था घुसा दे चाहे चुत में या गांड में या मेरे नाभि में छेद कर दे अपने लौड़े से। दोस्तों उसके बाद उन्होंने अपना मोटा लौड़ा निकाला थोड़ा थूक लगाया और मेरी मोटी गांड में पेल दिया अब शुरू हो गया था जिस्म की आग शांत करने का समय। मैं गाँड़ मरवाने लगी पर अपना चूत में बेड पर रगड़ रही थी आप विस्वास नहीं करेंगे। वह की बेडशीट गीली हो गई थी मेरे चूत की पानी से।
उन्होंने मुझे सीधा किया और फिर मेरे दोनों पैर अपने कंधे पर रखे और मेरे चूत में लंड घुसा दिया पहली बार मेरे चूत में ऐसा लौड़ा गया अंदर तक। मैं खुश हो गई मेरी आग और बढ़ गई अब वो धक्के देने लगे। जोर जोर से जैसे जैसे धक्के देते मेरी चूचियां फूटबाल की तरह हिलती और मेरा पूरा शरीर हिल जाता मैं कस कर बेडशीट पकड़ रखी थी। मैं आह आह आह ओह्ह ओह्ह ओह्ह की आवाज़ निकल रही थी और वो भी जोर जोर से मुझे चोद रहे थे। फिर अलग अलग तरीके से करीब ५ घंटे तक चोदा थोड़ा समय ले ले कर।
Saturday, October 26, 2019
बिल्डर कि पत्नी कि चुदाई
बिल्डर की पत्नी का दमदार बदन

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मेरा नाम रजत है मैं हैदराबाद में रहता हूं, मेरी उम्र 35 वर्ष है, मैं एक शादीशुदा पुरुष हूं और मेरी शादीशुदा जीवन में मेरी पत्नी के आने से जैसे बाहर सी आ गई। मेरी शादी को 5 वर्ष हो चुके हैं और इन 5 वर्षों में मैंने अपनी पत्नी के साथ अच्छा वक्त बिताया है। मेरा काम भी अच्छा चल रहा था इसलिए मेरा जब भी मन करता तो मैं अपनी पत्नी को अपने साथ लेकर कहीं घूमने चला जाता, मेरी पत्नी का नाम खुशबू है। मेरी पत्नी भी स्कूल में पढ़ाती है, वह बहुत अच्छी टीचर भी हैं और वह एक अच्छी पत्नी भी हैं। मेरी एक छोटी बच्ची भी है जिसकी उम्र 3 वर्ष है। मैने एक दिन अपनी पत्नी से कहा कि मैं एक फ्लैट खरीदना चाहता हूं, मेरी पत्नी कहने लगी कि हां तुम फ्लैट खरीद लो मैं और मेरी वाइफ उस फ्लैट की बुकिंग करवाने के लिए चले गए, मैंने वहां पर बुकिंग अमाउंट भी दे दिया और उसके बाद वह फ्लैट मैंने बुक करवा लिया।
काफी समय हो चुका था लेकिन वह फ्लैट बन कर तैयार नहीं हुए थे, मैं एक दिन उनके पास गया और कहा कि यदि आप फ्लैट नहीं बना सकते तो मुझे मेरे पैसे वापस लौटा दीजिए लेकिन उन्होंने साफ इंकार कर दिया और कहने लगे कि आप हमारी पॉलिसी पढ़ लीजिए उसमें साफ शब्दों में लिखा है कि पैसे वापस नहीं लौटाये जाएंगे, यह सुनते ही मेरा पारा चढ़ गया और मैंने वहां के स्टाफ के साथ बहुत गाली गलौज की लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं हुआ, उसी दौरान मेरा काम भी बहुत कम हो गया था और मेरा काम भी अच्छा नहीं चल रहा था, इस वजह से मैं काफी तनाव में रहने लगा, मैं सोचने लगा कि मुझे ऐसा क्या करना चाहिए कि मेरा काम भी अच्छा चले और मेरी आजीविका भी अच्छी हो जाए लेकिन मेरा काम दिन ब दिन गिरता ही जा रहा था और मुझे बहुत नुकसान हो रहा था। मैंने इस बारे में अपनी पत्नी खुशबू के साथ बात की, खुशबू मुझे कहने लगी आप चिंता मत कीजिए आप कुछ दिन घर पर ही आराम कीजिए, मेरे सैलरी से घर का खर्चा चल सकता है।
जब उसने मुझे यह बात कही तो मुझे बहुत अच्छा लगा और उसकी इस बात से मैं काफी खुश भी था, मैं कुछ दिनों तक घर पर ही रहने लगा और काफी दिनों तक मेरा तनाव भी कम होने लगा था, मैं सोचने लगा कि यदि खुशबू मेरा ऐसे ही साथ देगी तो मेरा जीवन संवर सकता है और हुआ भी ऐसा ही। मैं इतने दिन तक घर पर ही था तो मुझे अच्छा महसूस होने लगा और जब मैं बाहर निकला तो मेरे अंदर पॉजिटिव एनर्जी थी, मैंने अपना काम करने की सोच ली थी और उसके लिए मैं कोई इन्वेस्टर देखने लगा था लेकिन मुझे कोई इन्वेस्टर नहीं मिल रहा था परंतु मैंने हार नहीं मानी, मैंने अपना एक प्रोजेक्ट बना कर रखा था, जैसे कि मुझे कभी कोई इन्वेस्टर मिल जाए तो मैं उन्हें अपना प्रोजेक्ट दिखाता ताकि वह मुझे फाइनेंस कर सके। अब मैं पूरी तरीके से अपने ऊपर भरोसा करने लगा और उसी बीच में मुझे एक बड़े बिल्डर मीले उनका नाम शांतनु है, शांतनु एक अच्छे बिल्डर भी हैं और वह एक अच्छे व्यक्ति भी हैं, जब मैंने उन्हें अपना प्रोजेक्ट दिखाया तो वह बहुत खुश हुए और कहने लगे कि मैं तुम्हें फंडिंग दूंगा। जब उन्होंने मुझे यह बात कही तो मैं बहुत ही खुश हो गया और उन्होंने मुझे कुछ पैसे भी दे दिये, मैंने उन पैसों से अपनी एक फैक्ट्री डेवलप की जिससे कि मुझे अच्छा मुनाफा होने लगा और धीरे-धीरे मेरा काम दोबारा से अच्छी चलने लगा। मैं सोचाने लगा कि अब मेरा काम भी अच्छा चलने लगा है तो मैं हर महीने शांतनु को भी पैसा दे दिया करता जिससे कि वह भी मुझसे बहुत खुश होने लगे और मुझे कहने लगे कि तुम मुझे अच्छा प्रॉफिट दे रहे हो इसलिए तुम्हें अगर आगे कोई और काम शुरू करना हो तो तुम मुझे बता देना, अब वह मेरे पीछे पैसा लगाने को तैयार हो गए थे। मैं एक दिन बैठा हुआ था और मैंने उनसे कहा कि मैंने कुछ समय पहले एक फ्लैट बुक किया था लेकिन अभी तक वह फ्लैट मुझे मिला नहीं है और मैं उसके बदले उन्हें बुकिंग अमाउंट पहले ही दे चुका हूं, मैंने जब उन्हें बिल्डर का नाम बताया तो वह कहने लगे कि वह तो घाटे में चल रहा है और वह तुम्हारे पैसे अब नहीं लौटाने वाला, मैंने उन्हें कहा कि फिर मैं अपने पैसे कैसे वसूल करूंगा, वह कहने लगे कि जिस दिन मेरे पास वक्त होगा तो उस दिन हम लोग वहां चलेंगे और मैं तुम्हें उससे डायरेक्ट ही मिलाऊंगा, मैंने उनसे कहा ठीक है।
एक दिन शांतनु के पास भी वक्त था और उस समय मैं भी फ्री था, मैंने उनसे कहा कि क्या आज आपके पास समय है, वह कहने लगे हां मेरे पास समय है, मैंने उन्हें कहा कि मैंने आपसे कुछ समय पहले कहा था कि मैंने एक फ्लैट बुक किया था, वह कहने लगे ठीक है तुम मेरे साथ चलो वह मुझे उस लड़के के घर पर ले गए। जब हम लोग उसके घर गए तो वह शांतनु को पहले से ही पहचानते थे, उन्होंने उन्हें पहचानते ही कहा कि सर आप कैसे हैं क्योंकि शांतनु भी एक अच्छे और बड़े बिल्डर हैं। शांतनु ने उनसे बात की और कहा कि इन्होंने आपको बुकिंग अमाउंट दी थी लेकिन वह अभी तक इन्हें वापस नहीं मिली है, वह कहने लगे कि मैं कुछ समय बाद उन्हें वह पैसे लौटा दूंगा लेकिन उनकी बातों से बिल्कुल ऐसा प्रतीत नहीं हुआ कि वह पैसे वापस लौटाने के मूड में है। मैं शांतनु को बाहर ले गया और उन्हें कहा कि मुझे क्या करना चाहिए, वह कहने लगे की तुम यहीं बैठो मैं थोड़ी देर बाद आता हूं। वह बाहर चले गए और उन्होंने पता नहीं किसे फोन किया, उसके बाद उन्होंने मुझे भी बाहर अपने पास बुलाया और कहने लगे कि यह ऐसे पैसे नहीं देने वाला और ना ही तुम्हारे पैसे वापस मिलने वाले हैं, मैंने उन्हें कहा तो फिर मैं यह समझूं कि वह पैसे मेरे पानी में चले गए।
शांतनु ने मुझे कहा इसकी पत्नी एक कॉल गर्ल थी तुम उसे चोद कर अपने पैसे निकाल लो। शांतनु ने मेरे सामने उसे कहा तुम अपनी पत्नी को बुलाकर लाओ, वह अपनी पत्नी को बुलाकर ले आया। जब मैने उसे देखा तो सोचा मेरे पैसे तो मिलने वाले नहीं है लेकिन मै इस चोदकर अपनी इच्छा तो पूरी कर ही सकता हूं। मैने उसे कहा मुझे तुम्हारी पत्नी को चोदना है, वह कहने लगा ठीक है तुम उसके साथ सेक्स कर लो। वह मुझे अंदर कमरे में ले गई, उसने अपने कपड़े खोले तो मैं उसके बदन को देखकर खुश हो गया। मैंने भी अपने लंड को बाहर निकाल लिया, उसने कुछ देर मेरे लंड को अपने हाथ से हिलाया, जैसे मेरा लंड कडक हो गया तो उसने अपने मुह से मेरे लंड को चुसना शुरू किया, उसने काफी देर तक मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसा, जब मेरी इच्छा पूरी हो गई तो मैंने उससे कहा क्या मैं तुम्हारे बदन का सेवन करना चाहता हूं। मैंने भी ज्यादा देरी नहीं की, मैंने तुरंत ही उसकी चूत मे अपने लंड को घुसा दिया, मैंने उसे घोड़ी बना रखा था। मेरा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा तो वह चिल्लाने लगी, उसकी गांड इतनी ज्यादा बड़ी थी कि वह मेरे लंड से टकराती तो मेरे अंदर जोश पैदा हो जाता। वह अपनी गांड को मुझसे टकरा रही थी, मुझे कह रही थी तुम अपने पैसे वसूल कर लो मेरे पति तुम्हें कुछ भी नहीं देने वाले। मैंने उससे कहा ठीक है तुम उसकी चिंता मत करो, उसने भी अपनी चूतडो को मुझसे बड़ी तेजी से मिलाया और मैंने भी उसकी चूत में अपने लंड को बडी तेज गति से डाला। जब मेरा लंड उसकी योनि के अंदर जा रहा था तो वह बहुत तेज चिल्ला रही थी, मैंने उसके साथ 5 मिनट तक संभोग किया लेकिन 5 मिनट में उसने मुझे जो मजे दिए वह बडा मजेदार था, जब मेरा वीर्य पतन हुआ तो वह मुझे कहने लगी क्या मैं जाऊं? मैंने उसे कहा अभी तो मेरे पैसे वसूल नहीं हुए है। मैंने अपने लंड पर तेल लगा लिया, जब मैंने उसकी चिकनी गांड क अंदर अपने लंड को डाला तो वह चिल्लाने लगी और कहने लगी तुमने तो मेरी गांड फाड़ दी। मैंने उसे कहा तुम्हारे पति ने मुझसे पैसे लिए थे, मैं कहां से वसूल करू मैंने बड़ी तेजी से उसे झटके दिए। मैने उस दिन बहुत अच्छे से सेक्स किया, मैं उसकी गांड कछ मिनट तक मार पाया और जब मेरा वीर्य गिर गया तो वह मुझे कहने लगी अब मैं जाऊं। हम दोनो बाहर चल गए, मैने उससे कहा अभी मेरे पैसे नहीं निकले हैं मैं दोबारा से आऊंगा और तुम्हारी पत्नी को चोद कर जाऊंगा। वहां मुझे कहने लगा ठीक है तुम दोबारा आ जाना।
ITNA SUNDER BADANHONE KI UMMID NI THI
इतना सुंदर बदन होने की उम्मीद ना थी

antarvasna, kamukta दिव्या और मैं स्कूल में साथ ही पढ़ते थे लेकिन उसके और मेरे बीच कभी भी बात नहीं हुई और ना ही मैं कभी उसे पसंद करता था समय बीतता गया और मैं कॉलेज में चला गया, दिव्या ने भी उसी कॉलेज में दाखिला ले लिया उसके और मेरे बीच बात ना करने का सिर्फ एक ही कारण था मैं जिस लड़की को स्कूल में पसंद करता था वह दिव्या की बहुत अच्छी दोस्त थी और शायद दिव्या के कहने पर ही उसने मुझसे बात नहीं की उसके बाद मैंने भी दिव्या से कभी अच्छे से बात नहीं की, कॉलेज में भी हम दोनों जब एक दूसरे को देखते तो मैं उससे कभी बात नहीं करता। कॉलेज में एक बार हमारा टूर भी केरला गया था उस दौरान मेरे और दिव्या के बीच बहुत झगड़े हुए, मैंने उस दिन दिव्या से कहा कि तुम तो हर जगह सिर्फ झगड़ा करने के लिए आ जाती हो तुम्हारी वजह से ही पूरा माहौल खराब होता है, उसने मुझे कहा देखो राघव तुम्हें मुझसे बात नहीं करनी तो मत करो।
मुझे उससे बात करने का कोई ज्यादा शौक नहीं था और मुझे नहीं पता था कि जब हमारा कॉलेज पूरा हो जाएगा तो उसके बाद भी मैं कभी उससे मिलूंगा लेकिन यह भी बड़ा अजीब इत्तेफाक था कि मैं अपने जीवन में पूरी तरीके से सेटल हो चुका था और मैंने विदेश में भी अपना कारोबार जमा लिया था, मेरे जीवन में सब कुछ अच्छा चल रहा था बस मैं शादी करने के बारे में सोचने लगा, मेरे लिए जिन भी लड़कियों के रिश्ते आये उनमें से मुझे कोई भी पसंद नहीं आ रही थी मैं भी इस बात को भूल कर अपने काम में व्यस्त हो गया और उस दौरान मेरी एक लड़की से मुलाकात हो गई जिससे कि मेरी अच्छी दोस्ती हो गई और हम दोनों एक दूसरे के साथ समय बिताने लगे, मुझे उसके साथ में समय बिताना अच्छा लगने लगा था और मैं जब तक यह बात घर पर बताता तो एक दिन मेरी मम्मी मुझे कहने लगी बेटा मैंने तुम्हारे लिए एक लड़की पसंद की है और यदि तुम उससे मिलोगे तो वह तुम्हें जरूर पसंद आएगी। मैंने आज तक कभी भी अपनी मम्मी को किसी बात के लिए मना नहीं किया था तो मैंने उस लड़की से मिलने की हामी भर दी लेकिन यह बड़ा अजीब इत्तेफाक था कि मैं जिस लड़की से मिला तो वह दिव्या ही थी, दिव्या तो मुझे पहले से ही पसंद नहीं थी और ना हीं मैं कभी उसे पसंद करता था लेकिन मैं अपनी मम्मी के सामने यह बात नहीं कह सकता था मुझे मजबूरी में अपने पापा मम्मी के सामने उसके साथ बात करनी पड़ी, वह मुझे कहने लगी कि यदि मुझे यह पता होता कि तुम वह लड़के हो तो मैं कभी तुमसे मिलने नहीं आती।
मैं भी उससे मिलकर ज्यादा खुश नहीं था और उस वक्त हम दोनों को एक दूसरे से बात करनी ही पड़ी, जब मैं घर लौटा तो मैंने अपनी मम्मी पापा से पूछा कि आप लोगों को क्या वही लड़की मिली थी तो मेरी मम्मी कहने लगी कि लगता है तुम्हें वह पसंद आ गई, जब तक मैं कुछ कहता तब तक मेरे पापा ने कह दिया कि दिव्या तो तुम्हारी मम्मी की बचपन की सहेली की बेटी है। मैं सोचने लगा कि यह भी बड़ा अजीब इत्तेफाक है मुझे तो आज तक इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी लेकिन जो भी हुआ वह ठीक नहीं था परंतु मैं अपनी मम्मी को भी कुछ नहीं कह सकता था इसलिए मैंने उनसे इस बारे में कुछ बात नहीं की, दिव्या ने मुझे फोन किया और कहा कि तुम अपने घर पर रिश्ते के लिए मना कर देना, मैंने उससे कहा कि मुझसे तो यह सब नहीं हो पाएगा लेकिन तुम ही अपने घर पर कोई बहाना बना दो। हम दोनों ही अपने मम्मी पापा को मना नहीं कर सकते थे क्योंकि वह लोग एक दूसरे को पहले से ही जानते हैं, मुझे उससे जबरदस्ती मिलना ही पढ़ रहा था हम दोनों के घरवालों ने हम दोनों की सगाई भी तय कर दी और मैं मना भी नहीं कर पाया। हम दोनों को मजबूरी में एक दूसरे के साथ समय बिताना पड़ रहा था, मैं दिव्या को फोन भी नहीं करता था लेकिन अब हम दोनों को एक दूसरे को समझना ही था इसलिए मैं उससे फोन पर बात करने की कोशिश करने लगा लेकिन वह तो जैसे मुझसे झगड़ा करने के लिए ही बैठी रहती थी।
मैंने सोचा कि दिव्य से मैं कैसे बात करूं जिससे वह मुझसे अच्छे से बात करने लगे। मैंने उसे बड़े ही रोमांटिक अंदाज से बात करना शुरू कर दिया मेरे इस बदलाव से शायद वह भी प्रभावित हो गई वह मुझसे इतना ज्यादा प्रभावित हो गई कि वह भी मुझसे बड़े अच्छे से बात करने लगी। उसे भी समझ आ गया कि अब हमारे पास इसके अलावा कोई और दूसरा रास्ता नहीं है इसलिए वह भी मेरे फोन का इंतजार बेसब्री से किया करती धीरे-धीरे हम दोनों की बात भी बढ़ती जा रही थी और हम दोनों के बीच प्यार भी पनपता जा रहा था जिससे कि हम दोनों के बीच खुलकर बातें होने लगी थी। हम दोनों की सेक्स को लेकर भी कई बार बातें हो जाती थी लेकिन दिव्या नहीं चाहती थी कि मैं शादी से पहले उसके साथ सेक्स करूं परंतु मैं जब भी उसे देखता तो उसे देखकर मुझे उससे सेक्स करने का मन होता। मैंने कभी भी उसे इस नजर से नहीं देखा था लेकिन जब उसकी और मेरी बात ज्यादा होने लगी तो मेरे दिमाग में सिर्फ उसके साथ सेक्स करने की ही बात आती रहती मैंने एक दिन बहाना बनाकर दिव्या को घर पर बुला लिया। दिव्या जब घर पर आई तो वह मुझसे कहने लगी तुमने मुझे घर पर क्यों बुलाया ।मैंने उसे कहा मेरी तबीयत ठीक नहीं थी और मुझे बहुत अकेला लग रहा था इसलिए मैंने तुम्हें घर पर बुला लिया। उस वक्त मेरे मम्मी पापा मार्केट गए हुए थे मैं घर पर अकेला था तो दिव्या को मैंने अपने पास बैठा लिया और वह मुझसे बिल्कुल चिपक कर बैठ गई वह मेरे सर पर अपने हाथ को लगा कर कहने लगी तुम तो बिल्कुल ठीक हो उसने जब मेरे हाथ पकड़ा तो मैंने उसे अपनी और खींचा वह मेरी बाहों में आ गई और मुझसे लिपट गई।
जब वह मेरी बाहो मे आई तो मैंने उसे कसकर अपनी बाहों में ले लिया मैंने जैसे ही उसके नर्म होठों को किस किया तो उसके होठों से भी गरम भाप छूटने लगी थी वह जैसे मुझसे कुछ कहना चाहती थी। मैंने अपने हाथ को उसकी टी-शर्ट के अंदर घुसाते हुए उसके स्तनों को दबाना शुरु किया उसके स्तनों को मै दबाने मे लगा था। मैंने जब उसके स्तनों को बाहर निकाला तो उसके बड़े स्तन देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा मैंने सोचा नहीं था कि उसके इतने बड़े स्तन होंगे। मैंने उन्हें अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया मैं इतना ज्यादा उत्तेजित हो गया कि मैंने उसके स्तन पर लव बाइट दे दी। हम दोनों का शरीर गर्म हो चुका था इसलिए हम दोनों ने तय किया कि हम दोनों रूम में चलते हैं हम दोनों रूम में चले गए मैंने उसे अपने बिस्तर पर लेटा दिया। मैंने धीरे धीरे उसके बदन के सारे कपड़े खोल दिए वह मेरे सामने नंगी लेटी थी जिस प्रकार से मैंने उसकी चूत को चाटा तो वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है जिससे वह भी उत्तेजित हो चुकी थी उसके भीतर भी जोश पैदा हो गया था। मैंने अपने मोटे लंड को उसकी योनि पर सटाया तो उसकी योनि से तरल पदार्थ बाहर निकल रहा था मैंने जैसे ही उसकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसाया तो उसकी योनि से खून की धार बाहर की तरफ निकल पड़ी। मैंने कभी सोचा नहीं था कि वह एकदम टाइट माल है मैं उसे धक्के देता तो मुझे एक अलग ही एहसास होता मैं लगातार उसे तेजी से धक्के दिए जा रहा था उसके मुंह से सिसकियां निकलती जा रही थी। उसकी चीख से मैं और भी ज्यादा उत्तेजित हो जाता मेरे अंदर इतना जोश बढ़ गया कि मैंने उसे तेजी से धक्के देना शुरू कर दिया वह तेज आवाज में चिल्ला रही थी। जब उसकी चूत का बुरा हाल हो गया तो वह मुझसे लिपट गई वह कहने लगी मुझे बहुत दर्द हो रहा है मैंने उसे कसकर पकड़ा हुआ था लेकिन मेरा वीर्य गिर ही नहीं रहा था मैंने उसके साथ 10 मिनट तक संभोग किया 10 मिनट बाद मेरा वीर्य पतन हो गया मैंने उसे कसकर पकड़ लिया। हम दोनों एक दूसरे की बाहों में आ गए मैंने दिव्या से कहा मैंने कभी भी सोचा नहीं था कि तुम इतनी ज्यादा हॉट होगी।
दिव्या को मैं कब समझने लगा था और वह भी मेरी बातों को अब समझने लगी थी इसलिए हम दोनों ने शादी का निर्णय भी कर ही लिया था और फिर हम दोनों की शादी भी हो गई। जब हम दोनों की शादी होने वाली थी तो जब यह बात हमारे पुराने दोस्तों को पता चली तो वह लोग कहने लगे कि तुम दोनों तो पहले एक दूसरे को पसंद नहीं करते थे तो तुम दोनों ने शादी का फैसला कैसे किया, मैंने अपने दोस्तों से कहा कि बस यह सब ना ही पूछो तो ठीक है परंतु मेरे दोस्तों ने मुझसे जिद की तो फिर मैंने और दिव्या ने उन्हें सब बात बता दी, वह लोग कहने लगे चलो कम से कम अब तो तुम लोग एक दूसरे से कभी झगड़ा नहीं करोगे। मेरे सारे दोस्त मेरी शादी में आए थे और बड़े ही धूम धड़ाके से हम लोगो ने शादी की, सब लोग बहुत खुश थे मेरे पिताजी ने भी शादी में कोई कमी नहीं रखी और ना ही मैंने शादी में कोई कमी होने दी जिससे कि मेरे सारे दोस्त बहुत खुश थे और मेरे परिवार के लोग भी बहुत खुश थे। दिव्या ने भी कभी मेरे मम्मी पापा को शिकायत का मौका नहीं दिया, अब हम दोनों की शादी को थोड़ा बहुत समय हो चुका है लेकिन दिव्या की तरफ से मुझे कभी कोई शिकायत नहीं आयी, जब भी हम लोग अपनी पुरानी बातें याद करते हैं तो हम दोनों बहुत हंसते हैं और सोचते हैं कि किस प्रकार हम दोनों एक दूसरे से झगड़ा किया करते थे लेकिन अब हम लोग उसके बिल्कुल विपरीत है, अब हम दोनों के बीच बहुत ज्यादा प्रेम है।
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मेरी चूत का उद्घाटन समारोह
मेरा नाम वैशाली, ५ फुट ५ इंच कद, गुन्दाज़ बदन, गोरे-चिट्टे मखमल जैसे वक्ष ! मै बारहवीं जमात की छात्रा हूँ। पहले हम एक संयुक्त परिवार में रहते थे, चाचू-चाची, बुआजी, ताया-ताई, घर इतना बड़ा नहीं था, इसलिए मैं चुदाई के लाइव सीन देख देख बड़ी हुई।
एक दिन चाचू-चाची अकेले थे। मैं तबीयत ठीक न होने की वजह से पहले घर आ गई। चाचू के कमरे से सिसकी की आवाज़ सुन मैं पिछली खिड़की की ओर बढ़ी। मैं जब मॉम-डैड के बीच सोती थी तो कई बार डैड को मॉम पर सवार होते देखा था, लेकिन अच्छी तरह से नहीं देख पाई। आज मौका था, अन्दर चाचू बेड के किनारे बैठे थे नंगे, चाची फर्श पर घुटनों के बल बैठी चाचू के लौड़े को मजे ले ले कर चूस रहीं थी। फिर चाची बिस्तर पर आई। नंगी चाची को चाचू ने लिटा अपना लौड़ा चाची की चूत में घुसा दिया। यह देख मेरी पैंटी भी गीली हो गई।
फिर डैड ने शहर में आकर अपना बढ़िया मकान बनाया और हम शहर आकर बस गए। गाँव में पंजाबी मीडियम से सातवीं जमात तक पढ़ी, वो एक कन्या-विद्यालय था। यहाँ आकर मैंने एक प्राइवेट और अंग्रेजी मीडियम लड़के-लड़कियों के स्कूल में मैंने आठवीं में दाखला लिया और मेरी सहेलियां भी बन गई। हमारा चार लड़कियों का ग्रुप बन गया। श्वेता, मरियम, नूरी और मैं !
उनका अभी से लड़कों में ध्यान था, नूरी का तो अफेअर भी चल निकला था। हमारे ग्रुप की चर्चा चालू लड़कियों में होती थी। अब मेरी जवानी भी अंगड़ाई लेने लगी। सबमें से मेरी जवानी की बातें लड़कों में ज्यादा होने लगी। सब जब घर से निकलती तो लड़कों की निगाहें मेरी छातियों पर रहने लगी। देख देख मुझे मजा आने लगा। तभी मुझे मेरे ही स्कूल में पढ़ने वाले अमृत नाम के एक लड़के ने मुझे परपोज़ किया। उसको मैंने कोई जवाब नहीं दिया।
जब मैं स्कूल से घर जाती तो मेरे पीछे होंडा सिटी कार में एक दूसरा लड़का आने लगा हर रोज़ सुबह और स्कूल के बाद ! बहुत हैण्डसम था, बड़े घर का लड़का था। उसने मुझे एक दो बार कार पास लाकर अपना मोबाइल नंबर दिया, मेरे साथ नूरी भी रहती थी, उसने नंबर पकड़ के रख लिया और मुझे कहने लगी- पटा ले मेरी जान ! और क्या चाहिए !
मैंने कहा- जो अमृत ने परपोज़ किया उसका क्या?
उसको स्कूल तक सीमित रख !
मैंने नूरी से नंबर लिया, दोनों पास की एस.टी.डी पर गई और कॉल की। उसने अपना नाम करण बताया और मुझे कहा- मैं आप पर फ़िदा हूँ प्लीज़ !
मैंने उसको हाँ कर दी।
वो बोला- मैं इसी मार्केट में ही हूँ ! चलिए मैं आपको घर छोड़ देता हूँ, प्लीज़ मना मत करना ! मुड़ कर देखो !
मैंने केबिन से देखा, उसने हाथ हिलाया। नूरी का घर पास था, वो पैदल चली गई। मैं उसकी कार में बैठ गई। कुछ देर ऐसे ही घूमते रहे। उसने मेरा हाथ पकड़ा- आप बहुत सेक्सी हो, बहुत सुन्दर हो !
उसने हाथ पर किस किया- आई लव यू सो मच !
मैंने कहा- आई लव यू टू !
उसने पास खींचते हुए मेरे होंठों पे किस कर दी, मुझे करंट सा लगा। उसने कार साइड पर कर मेरे होंठ चूसने शुरु किये।
मैंने कहा- प्लीज़ छोड़ो न !
वो बोला- कितने दिन से आपके इन होंठों का रसपान करने का दिल था ! आप कहती हैं छोड़ो !
मुझे भी कुछ होने सा लगा- मैं भी लिप-किस में उसका साथ देने लगी। पता ही नहीं चला कब उसका हाथ मेरी शर्ट में घुसता हुआ मेरे मम्मों तक पहुँच गया। उसने सीट पीछे कर दी और मेरे ऊपर बैठ गया। एक हाथ उसने मेरी स्कर्ट में डाल मेरी जांघें सहलाने लगा। मैं इतनी गरम हो गई कि सब भूल गई। बस दोनों जवानी के जोश में एक दूसरे में खोने लगे।उसने बटन खोल मेरा मम्मा ब्रा से निकाल लिया और उसको मसलने लगा। मुझे तब होश आया जब मैंने उसका हाथ अपनी पैंटी पर महसूस किया। एकदम से अलग होकर हांफने लगी। वो बोला- क्या हुआ?
प्लीज़ ! हम सड़क पर हैं, कोई पकड़ लेगा तो आफत आ जायेगी !
बोला- इसको तो छोड़ो !
एकदम से मैं चौंक गई, मेरा हाथ उसके लौड़े पर था। मैं शरमा सी गई। उसने कहा- कोई नहीं आयेगा ! इतनी कड़ी गर्मी में कौन आएगा !
फिर भी उसने मुझे घर छोड़ दिया। बाथरूम में जाकर अपनी पैंटी देखी जो गीली हो गई थी। अपने मम्मे पर जब उसके दांत का निशान देखा तो मुझे अजीब सी हलचल हुई। उसके बाद कुछ दिन ऐसे ही कार में मिलते रहे। घूमने के बहाने चूमा-चाटी चलती रही।
एक रोज़ जब मैंने शाम को उसको कॉल किया। उसने कहा- आज ट्यूशन मिस कर दो, एअरपोर्ट रोड की तरफ घूमने जायेंगे। वहां सुनसान सी एक सड़क है।
मैंने कहा- ठीक है ! मुझे पिक कर लो ! ए एन टी ए आर वी ए एस एन ए .सी ओ एम
हम निकल पड़े। वहां एक रेस्तराँ था, बिलकुल एअरपोर्ट के कार्नर पर था, वहां कई लोग अपनी अपनी कार में ही बैठे थे। आज वो अपनी बड़ी कार लाया था। उसने पार्किंग की बजाये वो साथ वाली खाली सड़क पर कार मोड़ ली और रेस्तराँ के पीछे ले गया। वहीं वेटर आया। उसने अपने लिए चिल्ड बियर ली, मैंने कोल्ड काफी आर्डर की।
उसने मुझे बाँहों में लिया। अब तो हम दोनों घुल मिल चुके थे, उसने फोर्ड एंडवर की सीट फ्लैट की। लग्ज़री कार किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं थी। मैंने उसका साथ देते हुए खुद ही उसके होंठ चूसने शुरु किये। वो मेरे मम्मों को बेरहमी से मगर मजा आने वाले अंदाज़ में मसल रहा था। मैं गरम होने लगी और उसने मेरा टॉप उतार दिया। मैंने अपनी ब्रा की स्ट्रिप खोल दी जिससे मेरे दोनों कबूतर आज़ाद हो गए। उसने उड़ते कबूतर पकड़ने में वक्त न लगाया और टूट पड़ा मुझे पर। मैं भी पूरी गर्म हो चुकी थी, मैं लगातार उसके लौड़े को मसल रही थी। उसने मेरी जींस खोल कर घुटनों तक सरका दी और आज खुल कर मेरी जांघें सहलाने लगा।
उसने स्पोर्ट्स ड्रेस डाली थी, मैंने भी लोअर खींच के नीचे करके उसके लौड़े को हाथ में पकड़ लिया, पहली बार इतना खुलकर पकड़ा था। मेरे हाथ लगते ही फनफ़ना उठा उसका लौड़ा ! इतने में वेटर आया। उसने कहा- खुद पी ले और बिल ले जाना ! वेटर बोला- जी साहिब !
स्टार्ट कार, ए.सी ओन किया हुआ था, फिल्मिंग वाले शीशे थे, उसने सीट पूरी फ्लैट कर दी, बिस्तर सा बन गया। खींच कर मेरी जींस उतार दी और अपना लौड़ा मेरे होंठों पर रगड़ने लगा। मैंने झट से उसके लौरे को मुँह में डाल लिया और अच्छी तरह चूसने लगी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। उसने थोड़ा चुसवाने के बाद मुझे पीछे लिटाते हुए बीच में बैठ अपना लौड़ा मेरी सील बंद चूत पे रखा। एक बार सोचा कि पता नहीं कैसे यह घुसेगा?
कार के आस पास दूर तक कोई न दिख रहा था। उसने मुझे पूरी नंगी कर दिया था खुद नीचे घुटनों तक ! मैंने सोचा- चल वैशाली ! आज तेरी लाडो रानी का उदघाटन समारोह कैसा रहेगा ? !
उसने झटका दिया और लौड़े का सर मेरी चूत में फंस गया। उसको भी तकलीफ हो रही थी। मैंने कस के सीट के कपड़े को पकड़ रखा था। उसने दूसरे झटके में आधा लौड़ा अन्दर डाल दिया। मेरी जान निकल गई- निकाल लो प्लीज़ ! यहाँ अच्छे से नहीं होगा ! जगह कम है, बहुत तकलीफ होगी ! दोनों का ही पहली बार है। लेकिन उसने तीसरा ऐसा झटका मारा कि लौड़ा पूरा घुस गया। मेरी चीख निकल गई। खून टपकने लगा ! आँखों में आंसू आ गए !
उसने मेरे होंठ अपने होंठो में ले रखे थे ताकि चीख न निकले। उसने फिर सारा निकाल के डाला ऐसे तीन चार बार जब किया तो दर्द की जगह मजे ने ले ली। आंखें खुद ब खुद बंद होने लगीं। उसके एक एक झटके का मुझे इतना मजा आया कि सिसकारी ले ले कर मैं चुदवाने लगी- हाय और करो ! और करो !
अचानक मुझे अपने अन्दर से कुछ गरम गरम सा पानी महसूस हुआ, मैं झड़ गई और मेरी चूत की गर्मी में तीन चार मिनट बाद ही करण भी झड़ गया। दोनों हांफने लगे। उसने कार में पड़ा एक कपड़ा मुझे दिया, जिससे मैंने अपनी चूत को साफ़ कर लिया, खून साफ़ किया !
दोनों ने कपड़े पहन लिए और सामान्य होकर एक दूसरे की बाँहों में लिपट गए। उसने मेरे होंठ चूमते हुए कहा- कैसा लगा?
बहुत अच्छा लगा !
सुबह उठने पर चूत पर सूजन सी थी, चलने में थोड़ी सी अजीब लग रही थी। नूरी इन कामों में से कई बार निकली थी, उसने मुझसे सब कुछ बकवा लिया। अन्तर्वासना पर इसके छपते ही मैं अपनी करण के अलावा किसी से चुदवाई लेकर सबके लौड़ों पर बैठने आऊँगी।
CHALTI TRAIN KI SAFAR MAI LIYA CHUDAI KA MAJA
ट्रेन की वो यादगार रात

Kamukta, antarvasna मुझे फ्लाइट से बेंगलुरु जाना था लेकिन किसी कारणवश मुझे ट्रेन से जाना पड़ा। मुझे ट्रेन के थर्ड एसी में सिटी मिल चुकी थी और थर्ड एसी के लिए भी बडी मेहनत करनी पड़ी लेकिन आखिरकार ट्रेन में टिकट मिली चुकी थी। मैं जब ट्रेन की सीट में बैठी तो कुछ देर मैंने एक लंबी गहरी सांस ली जिसके बाद मैं आराम से बैठी रही। मुझे काफी अच्छा लग रहा था क्योंकि मैं ही जानती हूं कि किस प्रकार से मुझे थर्ड एसी में टिकट मिल पाई थी। मेरे बगल की सीट में एक परिवार बैठा हुआ था वह लोग आपस में बात कर रहे थे लेकिन तभी एक नौजवान युवक आया।
ट्रेन कुछ देर पहले ही स्टेशन पर आई थी ट्रेन चलने वाली थी। उसने मुझसे पूछा क्या यह 34 नंबर सीट है? मैंने पीछे घुम कर देखा तो उसे कहा नहीं यह 34 नंबर नहीं है आपकी सीट बिल्कुल मेरे सामने है। उस युवक की सीट बिल्कुल मेरे सामने थी उसकी उम्र मेरी उम्र के जितना ही रही होगी। मुझे लगा चलो कोई तो जवान मेरे सामने बैठा नहीं तो मेरे पड़ोस में सारी फैमिली बैठी हुई थी। मुझे अब अच्छा लग रहा था ट्रेन ने एक लंबा होरन मारा और उसके धीरे-धीरे ट्रेन चलने लगी, ट्रेन कुछ देर बाद अपनी रफ्तार पकड़ चुकी थी। मैंने भी अपने कान में हेड फोन लगाया मैं आराम से गाना सुनने लगी। वह नौजवान युवक मुझे बार बार देखे जा रहा था उसकी नजरें जैसे मुझ पर जादू कर रही थी उसके अंदर कुछ तो बात थी। मुझे उसे देखकर अच्छा लग रहा था हम दोनों एक दूसरे से नैन मिलाए जा रहे थे लेकिन बात करने की किसी की हिम्मत नहीं हुई ना ही मैंने शुरुआत की और ना ही उस नौजवान युवक ने बात की शुरुआत की तभी अचानक से ट्रेन रुक गई। सब लोग एक दूसरे के चेहरों पर देखने लगे मेरे बगल में बैठे हुए अंकल खड़े उठे और वह बाहर चले गए ना जाने कुछ तो समस्या हो चुकी थी सब लोग ट्रेन से बाहर उतरने लगे। मैंने भी गेट पर जाकर देखा तो ट्रेनों रूकी हुई थी लेकिन कुछ देर बाद धीरे-धीरे ट्रेन चलने लगी और आगे के एक छोटे से स्टेशन में रूकी। वहां पर ट्रेन काफी देर तक रुकी हुई थी ट्रेन में खराबी आ चुकी थी इसलिए ट्रेन वहां पर रुक गई थी।
मैं भी सोचने लगी पता नहीं कितना समय लगेगा मैं अपने मन ही मन मैं अपने आप से बात कर रही थी तभी मेरे सामने बैठे हुए नौजवान युवक ने अपने हाथ को आगे बढ़ाया। उसने मुझसे हाथ मिलाते हुए कहा हाय आए एम राघव। उसके हाथ मिलाने के अंदाज में कोई तो बात थी उसके अंदर का कॉन्फिडेंस देखते ही बनता था। मैंने भी उससे हाथ मिलाते हुए अपना परिचय दिया हम दोनों का परिचय तो हो ही चुका था। उसने कुछ देर बाद अपने चिप्स के पैकेट को खोलते हुए मुझे ऑफर किया और कहा क्या आप लेंगी? मैंने उसे मना कर दिया मैंने उसे कहा मुस्कुराते हुए नहीं कहा तो उसने भी अपने चिप्स के पैकेट को अपने लैपटॉप के बैग में रख दिया। हम दोनों एक दूसरे से बात करने लगे थे राघव ने मुझसे पूछा आप क्या करती हैं? मैंने उसे बताया मैं एक एड एजेंसी में काम करती हूं और उसी के सिलसिले में मैं बेंगलुरु जा रही हूं। राघव मुझसे कहने लगा मेरे भैया भी बेंगलुरु में ऐड एजेंसी में है। मैंने उससे पूछा तुम्हारे भैया कौन सी एड एजेंसी में है। उसने जिस एड एजेंसी का नाम मुझे बताया मुझे उसी कंपनी में काम के सिलसिले में जाना था। मैंने राघव से कहा चलो यह तो बहुत अच्छा हुआ जो तुम से मेरी मुलाकात हो गई। मैने राघव से पूछा तुम क्या करते हो? राघव ने मुझे कहा मैं एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूं मैं भी बेंगलुरु में ही जॉब करता हूं। मैंने उससे कहा क्या तुम पुणे के रहने वाले हो? राघव मुझसे कहने लगा हां मैं पुणे में ही रहता हूं हम लोगों की फैमिली 5 साल पहले पुणे में शिफ्ट हो गई थी उससे पहले हम लोग नागपुर में रहते थे। मैंने राघव से कहा चलो कम से कम इस बहाने तुम से तो मुलाकात हुई। हमरा साथ कुछ समय के लिए ही था राघव मेरा अच्छा दोस्त बन चुका था। राघव और मैं आपस में बात कर रहे थे बगल में बैठे हुए अंकल हम दोनों को बड़ी ही अजीब नजरों से देख रहे थे। मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा था ट्रेन चलने लगी थी ट्रेन पूरी रफ्तार से चल रही थी।
हम दोनों आपस में बात कर रहे थे रघाव की भी ट्रेन की सबसे ऊपर वाली सीट थी और मेरी भी ऊपर वाली सीट थी। हम दोनों ही अपनी सीट पर चले गए हम दोनों लेटे हुए थे और एक दूसरे से बात कर रहे थे। हम दोनों को बात करते हुए काफी टाइम हो चुका था तभी एक स्टेशन आया राघव नीचे उतरा। रघाव ने मुझसे पूछा आपके लिए कुछ लेकर आना है? मैंने राघव से कहा नहीं मेरे लिए कुछ नहीं लेकर आना है। राघव स्टेशन के प्लेटफार्म पर चला गया मैं अपने मोबाइल पर अपनी सहेली से चैटिंग कर रही थी और उसे मैंने बताया कि ट्रेन में मेरी मुलाकात एक लड़के से हुई वह दिखने में बड़ा ही स्मार्ट है। मेरी सहेली मुझे छेड़ रही थी और कह रही थी हमारी कहां ऐसी किस्मत हम तो जब भी जाते हैं तब हमारे अगल-बगल बुड्ढे लोग ही बैठे रहते हैं। मैं उससे चैटिंग के माध्यम से बात कर ही रही थी कि तभी राघव आ गया। राघव ने मुझे पानी की बोतल दी और कहा यह रख लो मैंने वह पानी की बोतल रख ली। राघव अब अपनी सीट पर बैठ चुका था रात होने वाली थी मैं घर से टिफिन लेकर आई थी, खाने का समय भी हो चुका था तो मैंने राघव को भी ऑफर किया। राघव ने मुझे कहा मैं तो कुछ नहीं लाया हूं राघव ने ट्रेन से खाना ऑर्डर कर दिया और हम दोनों ने साथ में रात का डिनर किया। उसके बाद एक दूसरे से हम लोग बातें करने लगे बातें करते करते मुझे नींद भी आने लगी थी। मैंने राघव से कहा मैं अभी आती हूं? मैं बाथरूम में चली गई और कुछ देर बाद में बाथरूम से आई तो राघव बैठा हुआ था। वह मुझे कहने लगा तुम्हें नींद आ रही है?
मैंने उसे कहा नींद तो आ रही है लेकिन जब राघव ने मुझसे यह बात कही तो उसके बाद जैसे मेरी आंखों से नींद गायब हो चुकी थी। रघाव अपने मोबाइल में गेम खेल रहा था मैं राघव की तरफ देखे जा रही थी परंतु मुझे नींद बिल्कुल भी नहीं आ रही थी। मैं सोचने लगी मै राघव से बात करूं मैंने आखिरकार राघव से बात की तो राघव कहने लगा तुम अभी तक सोई नहीं हो मुझे तो लगा था कि तुम सो चुकी होगी। मैने राघव से कहा मुझे नींद नहीं आ रही है। राघव मुझसे कहने लगा चलो कोई बात नहीं हम दोनों एक दूसरे से बात करते हैं हम दोनों एक दूसरे से धीरे-धीरे बात कर रहे थे तभी राघव ने मुझसे पूछा क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? मैंने उसे कहा नहीं मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है लेकिन हम दोनों तो जैसे एक दूसरे की बातों में इतना खो गए थे कि मेरा मन राघव के साथ सोने का होने लगा। मैंने अपने स्तनों को राघव को दिखाना शुरू किया जिससे कि वह भी अब उत्तेजित होने लगा था। राघव ने अपने लंड को बाहर निकाला और हिलाना शुरू किया। मै राघव की हिम्मत की दाद देती हूं कि वह कितनी हिम्मत से अपने लंड को हिला रहा था। मुझसे अब रहा नहीं गया और हम दोनों ही बाथरूम में चले गए बाथरूम में जाते ही मैंने राघव के मोटा लंड को अपने हाथ में लिया और उसे हिलाना शुरू किया। उसका लंड और भी ज्यादा कड़क होने लगा था मैंने जैसे ही उसके मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू किया तो उसे भी मजा आने लगा।
वह मुझे कहने लगा मुझे बड़ा मजा आ रहा है मैंने उसके लंड से चूस चूस कर पानी बाहर निकाल दिया था। उसके लंड से जब पानी बाहर निकल आया तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था। जैसे ही उसने मेरी चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो मेरे मुंह से चीख निकली। उसने मेरी चूतड़ों को कसकर पकड़ा हुआ था और बड़ी तेजी से वह मेरी चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाए जा रहा था मेरे मुंह से चीख निकलती। उसने मेरे चूतड़ों को कसकर पकड़ा हुआ था और बड़ी तेजी से वह मुझे धक्के दिए जाता। मैंने ट्रेन की टॉयलेट चैन को पकड़ा हुआ था और वह मेरी चूतड़ों पर बड़ी तेज प्रहार करता जाता। मेरी चूतड़ों का रंग लाल होने लगा था मैं राघव से कहने लगी राघव मुझे बहुत अच्छा लग रहा है तुम्हारा मोटा लंड अपनी चूत में लेकर ऐसा लग रहा है जैसे कि ना जाने बरसो की इच्छा पूरी हो रही हो। राघव मुझे कहने लगा बस कुछ देर की बात है फिर मेरा माल भी गिरने वाला है क्या मैं अपने वीर्य को तुम्हारी योनि में गिरा दू।
जब राघव ने मुझसे पूछा तो मैंने उसे कहा हां क्यों नहीं तुम अपने माल को मेरी योनि में गिरा दो ताकि मुझे भी तो याद रहेगी ट्रेन में सफर करने के दौरान तुमसे मुलाकात हुई थी। राघव कहने लगा तुम बड़ी अच्छी बात करती हो और यह कहते कहते ही उसने अपने वीर्य को मेरी योनि के अंदर प्रवेश करवा दिया। जैसे ही उसका वीर्य मेरी योनि में गया तो मुझे गर्मी सी महसूस होने लगी। मेरी योनि से राघव का वीर्य टपक रहा था, मैंने उसके लंड को चूस कर दोबारा से खड़ा किया और उसे दोबारा से उत्तेजित कर दिया। वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था उसकी उत्तेजना चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी उसने मेरी योनि के अंदर अपने लंड को दोबारा प्रवेश करवाया और मुझे उसने काफी देर तक चोदा जिससे कि मैं पूरी तरीके से संतुष्ट हो चुकी थी। उसके बाद मुझे इतनी गहरी नींद आई जब मेरी आंख खुली तो मैं बेंगलुरु पहुंच चुकी थी। बेंगलुरु पहुंचते ही मैं अपने काम के सिलसिले में चली गई लेकिन जैसे ही मैं फ्री हुई तो मैंने राघव को फोन किया और उससे मिलने के लिए उसके फ्लैट में चली गई। जब मैं राघव से मिलने के लिए उसके फ्लैट में गई तो वहां पर भी हम दोनों ने सेक्स का जमकर आनंद लिया।
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GHAR MAI CHUDAI KI DASTA PART 2
घर में चुदाई की दास्ताँ भाग २

Ghar Mein Chudai Ki Dastan Part 2 :
यह कहानी आप हिंदी सेक्स कहानियां पर पढ़ रहे है| अब उनकी साड़ी मेरे हाथों में और वो ब्लाउज और पेटीकोट में थी। फिर मैंने उन्हें पकड़ा और दो थप्पड़ उनके गोरे गालों पर जड़ दिए, तो उनके गाल लाल हो गये और वो कहने लगी कि राहुल प्लीज मुझे छोड़ दो, में तुम्हारी माँ हूँ। फिर मैंने कहा कि आज तो तुम मेरी माँ से मेरी रंडी बनेगी और फिर में जबरदस्ती उनके बूब्स दबाने लगा। दोस्तों उस रांड के बूब्स बड़े ही सख़्त थे। फिर मैंने उनको बिस्तर पर पटका और अब वो रो-रो कर विनती कर रही थी और में उन्हें चूम रहा था। फिर मैंने उनका ब्लाउज फाड़कर उनके दोनों बूब्स को आजाद कर दिया। अब वो मेरे सामने आधी नंगी थी और अब में उनके बूब्स को चूस रहा था और दबा रहा था। अब ऐसा लग रहा था कि उन्हें भी मज़ा आ रहा था, क्योंकि उनकी साँसे गर्म और तेज हो गयी थी और उनके मुँह से आवाजें भी आ रही थी। फिर मैंने उनका पेटीकोट और पेंटी भी खोल दी। अब मैंने भी अपने कपड़े खोल दिए थे और मेरा 7 इंच का लंड तन चुका था और माँ की चूत में जाने के लिए बेकरार था।
फिर मैंने माँ के दोनों पैर खोले तो मैंने देखा कि उनकी चूत पर बड़े ही प्यारे काले बाल थे। फिर मैंने उनकी चूत सहलाई और अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और कहा कि माँ आज तेरी जिंदगी में लंड और चूत का दौर फिर से शुरू हो गया है और इतना कहकर माँ की चूत के ऊपर अपना लंड रखा और एक ज़ोरदार धक्का मारा तो मेरा आधा लंड माँ की चूत में समा गया और वो चीख पड़ी। फिर मैंने कहा कि क्या हुआ रंडी दर्द हो रहा है? तो मैंने एक और धक्का मारकर अपना पूरा लंड माँ की चूत में उतार दिया। अब मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था और वो दर्द से चीख रही थी। फिर मैंने उनके बूब्स चूसने शुरू किए और देखा तो थोड़ी देर के बाद वो भी अपनी कमर हिला-हिलाकर मेरा सहयोग कर रही थी। अब मुझे पता चल गया था कि अब उसे भी मज़ा आ रहा है और अब उसका दर्द भी कम हो गया था।
फिर मैंने धक्के मारने शुरू किए और उसे चूमना भी जारी रखा। फिर 5 मिनट के बाद उसने मुझे ज़ोर से पकड़ा और मुझे अपने लंड पर कुछ पानी गिरता महसूस हुआ और वो ढीली पड़ गयी, तो में समझ गया कि वो झड़ चुकी है, लेकिन में तो अभी शुरू ही हुआ था और अब में लगातार अपने धक्के लगा रहा था और माँ को चोद रहा था। फिर लगभग 20 मिनट के बाद मैंने भी अपना सारा पानी माँ की चूत में ही छोड़ दिया और उनसे चिपककर सो गया। फिर सुबह जब में उठा तो मैंने देखा कि माँ पास में बैठी रो रही थी। फिर मैंने कहा कि माँ क्यों रो रही हो? ये तो अब हर रात होगा, क्योंकि अब तुम मेरी नाजायज पत्नी और मेरी रखेल बन चुकी हो। अब में तुम्हें चोदे बिना कभी नहीं सोऊंगा और अब से मेरा सारा सामान आपके कमरे में ही रहेगा, क्योंकि अब में भी इसी कमरे में ही रहूँगा और तुम्हारे साथ सोऊंगा और इतना कहकर मैंने माँ को फिर से एक बार और चोद डाला। अब ये सिलसिला रोज का हो गया था। फिर लगभग 45 दिनों के बाद जब से में माँ को चोद रहा था, तो माँ ने कहा कि आज में तुम्हें एक बात बताना चाहती हूँ।
फिर मैंने कहा कि क्या सुमन बोलो? तो वो बोली कि में तुम्हारी माँ तो थी लेकिन अब में तुम्हारे बच्चे की और बनने वाली हूँ। फिर मैंने कहा कि सच तो उन्होंने कहा कि हाँ और वो बोली कि कल मुझे डॉक्टर के पास ले जाना, ताकि में इसे गिरा दूँ। तो मैंने कहा कि क्यों? तो वो बोली कि लोग क्या कहेंगे? तो मैंने कहा कि मुझे दिल्ली में एक कंपनी में नौकरी मिली है, तो क्यों ना आप मुझसे शादी कर ले? में आपसे बहुत प्यार करूँगा और वादा करता हूँ कि एक अच्छा बेटा तो नहीं, लेकिन पति और पिता जरूर बनूँगा, आप मेरा बच्चा पैदा करें और मुझे अपना पति बना लें। दोस्तों फिर यही हुआ और आज मेरी माँ मेरे बच्चे की भी माँ बन चुकी है ।।
GHAR MAI CHUDAI KI DASTA
घर में चुदाई की दास्ताँ भाग १

Ghar Mein Chudai Ki Dastan Part 1 :
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शंकर है। में अब आपको अपने और अपने परिवार के बारे में बताना चाहता हूँ। मेरे घर में मेरी माँ सुमन, जो कि 40 साल की है, वो एक बहुत ही सेक्सी औरत है और उसका फिगर साईज 38-30-34 है। में उनसे बहुत प्यार करता हूँ और मेरा एक 1 साल का बेटा भी है, अब आप सोच रहे होंगे कि मैंने अपनी वाईफ के बारे में क्यों नहीं बताया? लो अब बताता हूँ। मेरी पत्नी का नाम सुमन है, हाँ मेरी माँ जो कि मेरी धर्म पत्नी भी है और मेरे बच्चे की माँ भी है। अब तो में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ।
दोस्तों ये बात उन दिनों की है, जब में अपनी बी.कॉम पूरा कर चुका था और मुझे एक जॉब मिली तो में और माँ बहुत खुश थे, अब सब कुछ नॉर्मल चल रहा था। फिर एक दिन में अपने एक दोस्त के घर से ब्लू फिल्म देखकर आ रहा था। मैंने ऐसी फिल्म पहली बार देखी थी और अब मेरी आँखों के सामने उसी फिल्म के चुदाई के सीन आ रहे थे। फिर में घर पहुँचा तो मेरे घर पहुँचते ही मेरी नजर अपनी सेक्सी माँ पर पड़ी। आज में उसे माँ के रूप में नहीं एक औरत के रूप में देख रहा था। फिर मैंने सोचा कि माँ लगभग 17 साल से बिना लंड के रही है, क्यों ना आज उसे में अपना लंड दे दूँ? तो तभी आवाज़ आई राहुल खाना तैयार है, तो मेरा ध्यान टूटा और में माँ के पास खाना खाने के लिए चला गया। फिर हमने खाना खाया और कुछ देर बातें की और फिर अपने-अपने कमरो में चले गये।
फिर में लगभग आधे घंटे के बाद अपने रूम से निकला और माँ के कमरे में गया तो वो बिस्तर पर लेटी थी और मेरी माँ साड़ी में ही सोती है, वो उस सफ़ेद साड़ी में कमाल लग रही थी। फिर में उसके पास गया और उन्हें देखता रहा। फिर मैंने मन में सोचा कि अगर में जबरदस्ती आज इसको अपना बना लूँ तो मज़ा आ जाए और फिर में पागल कुत्ते की तरह माँ के ऊपर टूट पड़ा और उनके होंठो को अपने होंठो में ले लिया और चूसता रहा। अब माँ जाग चुकी थी और फिर उन्होंने मुझे अलग करके कहा कि ये क्या मजाक है? तो मैंने कहा कि माँ आज में तुम्हारी तन्हाई ख़त्म कर दूंगा। फिर वो बोली कि बकवास मत करो और अपने कमरे में जाओ। फिर मैंने कहा कि अगर आप प्यार से नहीं मानी, तो में आपके साथ जबरदस्ती करूँगा, तो वो बोली कि में कहती हूँ कि राहुल अपने कमरे में जाओ, लेकिन अब मुझ पर उस ब्लू फिल्म का जादू था तो मैंने उनको पकड़कर बिस्तर पर पटक दिया और जबरदस्ती चूमने लगा। फिर उन्होंने मुझे ज़ोर से धक्का देकर गिरा दिया और उठकर भागने लगी, तो में उठा और उनकी साड़ी पकड़कर खींच डाली।
Gym mai chudai
जिम में चुदाई की वह सुबह

antarvasna, desi chudai ki kahani दोस्तों मुझे जिम के बारे मे नहीं पता था लेकिन मेरा अंदर शौक पैदा हो गया इसलिए मैंने जिम जॉइन कर लिया। जिम मे जिम ट्रेनर हूं उसी दौरान मेरी मुलाकात कविता से हुई। जब मेरी मुलाकात कवीता से हुई तो उस वक्त वह मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए उतावली हो गई। उससे मेरी मुलाकात होने से पहले मैंने अपने जीवन में बहुत ही समस्याएं झेली कैसे में अपने शरीर को हष्ट पुष्ट बना पाया इसके लिए मैंने बहुत ही पापड़ बेले। क्योंकि मेरा परिवार आर्थिक रूप से मजबूत नहीं था इसलिए मुझे एक व्यक्ति ने अपने जिम में रख लिया और कहा तुम्ही अब मेरे जिम को संभालोगे। मैंने उनके जिम को बड़े अच्छे से संभाला, मैं अपनी बॉडी भी बनाता। उसके बाद तो मैंने कई महिलाओं को चोदा मैं आपको अपने शुरुआती दौर कि आप बीती बताता हूं कैसे मैंने अपने जिम में आने का सपना पूरा किया।
मेरा नाम प्रशांत है मैं एक बहुत ही छोटे गांव से ताल्लुक रखता हूं मेरा गांव रोहतक के पास है, मेरी लंबाई पहले से ही अच्छी थी लेकिन मेरा शरीर बहुत ही दुबला पतला सा था। मैं जब तक गांव में पढ़ाई करता रहा तब तक तो मुझे इन सब चीजों के बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं थी लेकिन जब मैं रोहतक आ गया तो रोहतक में मेरे बहुत दोस्त बनने लगे और उनमें से एक दिन मेरे एक दोस्त ने कहा मैं तो आजकल जिम जा रहा हूं और जिम जाकर मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है, मुझे तो यह भी नहीं पता था कि जिम होता क्या है और जिम किस बला का नाम है। मैंने उससे पूछा भाई यह हो जिम होता क्या है? वह कहने लगा वहां पर लोग कसरत करते हैं और जमकर मेहनत होती है जिससे कि हमारा शरीर मजबूत हो जाता है। मैंने उसे कहा तुम्हें कितना वक्त हो चुका है? वह मुझे कहने लगा मुझे तो दो महीने हो चुके हैं और दो महीने में मैं अपने आप को बहुत ही फिट महसूस कर रहा हूं। जब उसने मुझसे यह बात कही तो मुझे भी लगा कि मुझे भी जिम में जाना चाहिए ताकि मैं भी अपने शरीर को फिट कर पाऊं इसी के चलते मैं जिम में एक दिन चला गया, मैं जब जिम में गया तो वहां का ट्रेनर मुझे बड़े ध्यान से देख रहा था और उसने मुझे बड़ी ही हीन भावना से देखा, वह मुझे ऐसे देख रहा था जैसे कि मैं उसके आगे कुछ भी नहीं हूं।
मैंने उससे पूछा कि आप मुझे ऐसे क्यों देख रहे हैं? वह मुझे कहने लगा तुम यहां क्या करने आए हो? मैं कहने लगा मैं देखने आया था कि जिम में क्या-क्या होता है। वह बडे गुस्से में मुझसे बात कर रहा था और उसने मुझे कहा तुम अब यहां से चले जाओ, उसने मुझे वहां से निकाल दिया लेकिन मुझे उस दिन लगा कि मुझे भी अब जिम में जाना चाहिए इसलिए मैंने जिम में कसरत करने का निर्णय ले लिया और उसमें मेरी मेरे दोस्त ने बहुत मदद की क्योंकि मैं आर्थिक रूप से इतना मजबूत नहीं था इसलिए वही मेरी फीस भरा करता था, मुझे उसके साथ जिम जाते हुए दो महीने से ऊपर हो चुके थे और मेरे शरीर में काफी बदलाव भी था। मैं एक भी दिन कभी जिम नहीं छोड़ता और मुझे अच्छा भी लगने लगा था उसी दौरान मेरी मुलाकात अनिल के साथ हुई, अनिल एक जिम चलाते थे लेकिन उन्होंने मुझे देखा तो वह मुझे कहने लगे मुझे तुम्हारे अंदर कुछ काबिलियत लग रही है और तुम बहुत आगे जा सकते हो, मैंने उन्हें कहा सर मेरे पास पैसों का बहुत अभाव है मेरा दोस्त ही मेरी फीस भरता है और उतने ही पैसों में मुझसे जितना हो सकता है मैं उतना करता हूं। अनिल मुझे कहने लगे कि मैं तुम्हें हर महीने पैसे दे दिया करूंगा, मैंने उनसे कहा लेकिन आप मेरी मदद क्यों करेंगे? वह कहने लगे मुझे तुम्हारे अंदर बहुत काबिलियत दिखती है और मैं बॉडीबिल्डिंग कंपटीशन भी करवाता हूं, मैं तुम्हें अपने जिम के लिए तैयार करना चाहता हूं ताकि तुम मेरे जिम की तरफ से कंपटीशन लड़ो और उससे मेरे जिम का नाम ऊंचा होगा। यह कहते हुए उन्होंने मुझे अपने पास रख लिया और मैं दिन-रात मेहनत करने लगा, मेरे शरीर में पूरी तरीके से बदला हो चुका था और मेरी लंबाई के अनुरूप अब मेरी चौड़ाई भी अच्छे से होने लगी थी, मेरी छाती भी बाहर की तरफ को आ गई थी और जो भी मुझे देखता वह मुझे देखकर कहता कि तुम तो बिल्कुल बदल चुके हो लेकिन यह सब अनिल जी की वजह से हुआ था और मैं जिंदगी भर अनिल जी का एहसान नहीं भूल सकता कि उन्होंने मेरे जीवन को कैसे बदल कर रख दिया।
उन्होंने मेरे लिए बहुत कुछ किया और उसके बाद उन्होंने मुझे एक जिम खुलवा कर भी दे दिया जिसमें हम दोनों बराबर के पार्टनर हैं। अब वह जिम भी अच्छा चलने लगा और मैं अब एक अच्छा ट्रेनर होने के साथ एक अच्छा बॉडी बिल्डर भी हूं। हमारे जिम में काफी बच्चे आते हैं और वह सब मुझे कहते हैं कि हमें बिल्कुल आपके जैसे बॉडी बनानी है, मैं सब से एक ही बात कहता हूं कि इसके लिए तुम्हें कई साल मेहनत करनी पड़ेगी, मैंने भी कई साल जी जान से मेहनत की है उसके बाद आज मैं इस मुकाम पर पहुंचा हूं कि सब लोग मुझे देखकर कहते हैं कि हमें भी ऐसी बॉडी बनानी है। मेरे जिम में कई लड़कियां भी आने लगी थी इसीलिए मैंने जिम में एक महिला ट्रेनर को भी रख दिया ताकि लड़कियों को कोई दिक्कत ना हो और दिन-ब-दिन हमारे जिम में लड़कियों की संख्या भी बढ़ने लगी थी, मैं ज्यादातर लड़कों को ही ट्रेनिंग देता था और मैं खुद भी अपनी प्रैक्टिस किया करता क्योंकि मुझे और भी कंपटीशन लड़ने होते थे, अनिल जी से मेरी कभी कबार मुलाकात हो जाया करती थी लेकिन उन्हें जब मुझसे कोई जरूरी काम होता था तो ही वह मुझे मिलते थे क्योंकि उनके पास भी ज्यादा समय नहीं हो पाता था वह एक बड़े बिजनेसमैन हैं और वह अधिकतर बाहर ही रहते हैं।
हमारे जिम में एक महिला भी आती हैं उनका नाम कविता है वह दिखने में बड़ी ही सुंदर है लेकिन वह मुझ पर डोरे डालती हैं। उन्हें जब भी मैं अकेला मिलता हूं तो वह कभी भी ऐसा मौका नहीं छोड़ती की जब वह मेरे शरीर को टच ना कर पाए। एक दिन वह सुबह सुबह जिम में आ गई उस वक्त कोई भी नहीं आया था। उस दिन मैंने जिम जल्दी खुलवा दिया जैसे ही वह आई तो मेरे साथ बैठी हुई थी। सुबह उनकी नियत कुछ ठीक नहीं लग रही थी, वह मेरी छाती पर हाथ लगाने लगी। मैंने उन्हें कहा यह सब ठीक नहीं है लेकिन उनकी नियत बहुत खराब थी। उस दिन वह अपनी चूत मुझसे मरवाना चाहती थी, मेरा मूड खराब हो गया। मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए उन्हें कहा आप इसे अपने मुंह में लेकर चूस लीजिए। उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह में जैसे कि लिया तो उनके लिए यह बात आम थी जैसे वह हमेशा लंड लेती हो। जब वह पूरी तरीके से मूड मे हो गई तो मैंने उनके कपड़े उतार दिए। उनके नंगे बदन को देखकर मे खुश हो गया, मैं उन्हें देखता ही रहा। उनका बदन बड़ा ही सॉलिड था और उनकी गांड बहुत बाहर की तरफ उठी हुई थी। मैंने उनके स्तन और उनके होठों का जमकर रसपान किया, जब उनकी योनि से पानी बाहर निकालने लगा तो मैंने उन्हें घोड़ी बनाते हुए उनकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया। जैसे ही मेरा लंड उनकी योनि में गया तो वह मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड लेकर आज मैं बहुत खुश हूं तुम ऐसे ही मुझे चोदते रहो। मैंने उन्हें बड़ी तेजी से धक्के मारे, जब मेरा वीर्य पतन होने वाला था मैंने अपने वीर्य को उनकी बड़ी गांड पर गिराया लेकिन उनकी इच्छा अभी नहीं भरी थी। वह कहने लगी मुझे अभी मजा नहीं आया, मैंने भी अपने मोटे लंड को उनकी गांड में प्रवेश करवा दिया। जैसे ही मेरा लंड उनकी गांड में प्रवेश हुआ तो वह खुश हो गई। भाभी अपनी गांड को मुझसे मिलाती तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था हम दोनों लगभग 5 मिनट तक एक दूसरे का साथ देते रहे। मेरा वीर्य पतन उनकी गांड के अंदर हुआ तो उस दिन के बाद उन्होंने मुझसे अपनी गांड मरवाने की ठान ली थी। वह हमेशा सुबह जल्दी आ जाती है, वह मुझे कहती मेरी गांड की खुजली मिटा दो। मैं हर सुबह उनको चोदता लेकिन उन्हें चोदकर मेरा शरीर काफी कमजोर होने लगा इसलिए मैंने उन्हें कुछ दिन पहले कह दिया आप मुझसे कुछ दिन दूर रहिए। मैं खुद ही आपको कुछ दिन बाद फोन कर दूंगा इसलिए मै उन्हें मिली नहीं, वह घर पर ही जिम करती हैं और मुझसे हमेशा फोन पर बातें करती हैं। वह मुझसे सेक्सी बातें करती हैं उनसे बात करते हुए भी मेरा पानी निकल जाता है।
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पड़ोस की लड़की के साथ रात में लिए मजे

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दोस्तों, मेरा नाम ललित है और मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ | मेरी हाइट 5 फुट और 8 इंच है और रंग गोरा, बॉडी फिट है | दोस्तों मैं भी आप लोगों की तरह इस वेबसाइट का पाठक हूँ और आज अपनी दूसरी कहानी लेकर हाजिर हूँ | मेरी पहली कहानी को आप लोगों से बहुत प्यार मिला | आशा है की इस कहानी को भी आप लोगों का भरपूर प्यार मिलेगा | खैर, अब आप लोगों को और ज्यादा समय न लेते हुए कहानी पर आता हूँ |
एक बार की बात है, मैं अपने ननिहाल गया हुआ था | वो घर शहर में है | उस घर के सामने एक घर है जिसमे एक मस्त माल रहती है | उसका नाम नेहा है और वो गोरी है काफी | उसको उम्र लगभग 19 है और उसका फिगर मस्त है | बूब्स उसके बहुत बड़े तो नही हैं लेकिन उसके पतले शरीर के हिसाब से सही हैं | उसकी गांड भी बहुत उठी नही है लेकिन अच्छी लगती है | नेहा एक हॉट तो नही लेकिन एक क्यूट माल है | पहले भी मैंने कई बार उस पर लाइन मारी है लेकिन वो थोडा भाव खाने लगी तो मैंने भी ज्यादा कोशिश नही की | इस बार जब मैं गया तो मामा के घर में भी ऊपर वाली मंजिल पर एक कमरा बन चूका था और उसकी छत पर भी कमरे बन चुके थे | मैंने लैपटॉप लिया और मामा के ऊपर वाले कमरे में चला गया और दरवाजा अन्दर से बंद करके फिल्म देखने लगा | मैं फिल्म देख ही रहा था की अचानक से मैंने सामने देखा तो नेहा मुझे देख रही थी | मैंने अब फिल्म बंद की और उसे लाइन देना शुरू कर दिया | इशारों इशारों में थोड़ी बातें हुईं लेकिन तभी उसकी मम्मी आ गयीं इसीलिए वो चली गयी | वो गयी तो मेरा मन नही लग रहा था | मैंने फ़ोन में हॉटस्पॉट ओन किया और लैपटॉप पर पोर्न विडियो चला कर ईरफ़ोन लगा आकर देखने लगा | मेरा लंड खड़ा हो चूका था |
अभी मैं पोर्न देख ही रहा था की वो अचानक से फिर दिखी | उसे देखकर मुझे मजा आ गया | मैंने चादर ओढ़ी और उसे चोदने की कल्पना करके लंड हिलाने लगा | जब मैंने देखा की वो मेरी तरफ ही देख रही है तो मैंने लंड हिलाना बंद कर दिया ताकि उसे बुरा न लग जाये और इशारे इशारे में फ़ोन नंबर माँगा | उसने एक कागज पर अपना नंबर लिखा और मेरी बिल्डिंग की तरफ फेंक दिया | अब मैंने बालकनी से वो कागज उठाया और उसका नंबर सेव करके उसे व्हात्सप्प पर मेसेज कर दिया | इशारों में मैंने उससे मोबाइल चेक करने को बोला | उसने मुझे रिप्लाई किया और अब हम दोनों व्हात्सप्प पर चैट करने लगे | बातों ही बातों में मैंने उसको बताया की मैं उसे पसदं करता हूँ | वो बोली की वो भी करती है | अब मैंने उसको बिना देर किये आई लव यू बोल दिया | उसने भी तुरंत आई लव यू टू बोल दिया | मैं खुश हो गया | अब उससे सीधा चुदाई के लिए तो नही बोल सकता था | इसीलिए मैंने उससे बोला की तुम्हे किस करने का बहुत मन कर रहा है | वो बोलने लगी की कण्ट्रोल करो | मैंने बोला इतने दिनों से किया तो है लेकिन अब नही हो रहा | वो बोली चलो मैं देखती हूँ क्या हो सकता है | मैं खुश हो गया |
शाम को उसका मेसेज आया की वो रात में ऊपर वाले कमरे में अकेले सोएगी | अब मैंने भी मामा से बोला की मामा, मुझे रात में लैपटॉप पर कुछ काम करना है इसीलिए मैं ऊपर वाले कमरे में ही सोऊंगा | फिर मैं कहाँ वगैरह खा कर ऊपर आ गया और दरवाजा बंद कर लिया | अब मैं उसका इंतजार करने लगा | लगभग आधे घंटे के बाद वो भी खाना खा कर आ गयी | मैंने उससे बोला की बताओ अब कैसे करना है | वो बोली थोडा रुको, सबको सो जाने दो | लगभग 10 बजे जब लगभग सारे लोग सो गये तो उसने बोला की एक उपाय है लेकिन रिस्क है उसमे | मैंने बोला तुम बताओ तो, मैं रिस्क लेने के लिए तैयार हूँ | वो बोली की फिल्मी स्टाइल | असल में दोनों घरों की बालकनी में लगभग 4 फुट का फर्क है | अब जो उसने बताया वो सच में रिस्की था | वो बोल रही थी लकड़ी के पटरे लगा कर मैं उसके घर में आ जाऊं और उसके कमरे में जाकर उसको किस कर लूं | मैंने हिसाब लगाया और 3 पटरे ले आया और अपनी बालकनी से उसकी बालकनी के बीच लगा दिए | अब रास्ता चौड़ा हो चूका था और कोई भी आराम से इन लकड़ी के पटरों पर से आराम से आ जा सकता था | मैंने इधर उधर देखा | अँधेरी रात थी इसीलिए डर कम था किसी के देखने का | जब कोई नही दिखा तो मैं उन पटरों पर चढ़ा और उसकी साइड जाकर फिर से पटरे उतार कर उसकी ही छत पर साइड में रख दिए | अब मैं और वो उसके कमरे में चले गये |
मैंने जाते ही उसके कमरे का दरवाजा बंद किया और उसे दीवार के सहारे टिकाकर जोरदार किस करने लगा | वो भी गर्म थी, मेरा पूरा साथ देने लगी | मैंने अब उसके होठों को चुसना शुरू कर दिया | धीरे धीरे मैं उसकी गर्दन और उसके आस पास किस करने लगा | वो मस्त हो कर सिसकियाँ लेने लगी | मैंने अब उसको बिस्तर पर लिटाया और अपनी टीशर्ट उतार कर के उसके ऊपर आ गया | वो मेरे इरादे समझ गयी और बोलने लगी शराफत से बस किस करो और जाओ.. बाकी फिर कभी | मैंने कहा अच्छा किस तो करने दो अच्छे से | वो बोली ठीक है, लेकिन सिर्फ किस | मैंने बोला ओके | अब मैं उसके होठों पर किस करने लगा | किस करते करते मैंने उसकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया | किस करते करते मैं अपना एक हाथ उसके बूब्स पर ले गया | उसने मेरा हाथ वहीँ झटक दिया | अब मैंने उसको फिर से किस करना शुरू कर दिया और अपना हाथ उसके बूब्स पर ले जाने लगा | उसने मेरा हाथ अपने बूब्स से हटाया और अपने हाथों से पकड़ लिया | अब मैंने उसके कान के पास किस करना शुरू कर दिया | उसको मजा आने लगा और उसने मेरे हाथ की पकड़ ढीली कर दी | अब मैंने थोडा सा जोर लगाया और उसके बूब्स पर हाथ ले गया | अब मैं उसके बूब्स दबाने लगा | वो मजे से आह्ह्ह ह ह हह हह ह ह ऊऊ ऊ ऊ उ उमम उम्म्म उम् करने लगी |
अब मैंने उसके कपडे के ऊपर से उसके बूब्स पर किस करने लगा | वो मस्ती में सिसकियाँ लेने लगी | अब मैंने उसका टॉप ऊपर कर दिया और ब्रा को साइड करके उसके बूब्स चूसने लगा | उसके छोटे छोटे निप्पल चूस रहा था | दोस्तों उसके छोटे बूब्स में जो मजा था वो आज तक मुझे बड़े बूब्स चूस कर भी नही आया | उसके बूब्स मुझे मीठे से लग रहे थे | मैंने अबी उसका दूसरा दूध अपने हाथ में लिया और चुसना शुरू कर दिया | मुझे मजा आ रहा था | अब मुझसे रहा नही गया और मैंने एक हाथ सीधा उसकी लोअर के अन्दर घुसेड कर उसकी चूत को सहलाना शुरु कर दिया | वो गुस्सा दिखाने लगी | मैंने उसको थोडा सा किस किया और उसके बूब्स को जोर जोर से किस करने लगा | अब वो भी गर्म हो चुकी थी थोड़ी सी | मैंने अब उसकी चूत में अपनी ऊँगली घुसेड दी और अन्दर बाहर करने लगा | उसकी चूत कसी थी और हलकी सी गीली भी | वो सिसकियाँ लेने लगी और आह हह हह हह ह हह ह्ह्ह ह्ह्ह हह ह्ह्ह ह ह्ह्ह्हह ह ह्ह्ह ह ह्ह्ह हह उम् मम मम म्मम्मम्म म मम मम उम् मम उम् म उम् अह अहह करने लगी |
मैंने अब उसका लोवर उतार दिया और उसकी पैंटी भी | अब मैंने ज्यादा देर करना सही नही समझा | मैंने अब सीधा लंड उसकी चूत पर टिकाया और एक ही झटके में घुसेड दिया | वो चिल्ला पड़ी | मैंने तुरंत ही उसका मुंह बंद किया की कहीं कोई सुन न ले | अब मैंने झटके देने शुरू कर दिए | वो भी मजे लेने लगी | थोड़ी देर बाद वो झड गयी | मैंने भी अपना लंड उसकी चूत से निकाल कर बेड पर झाड दिया और उसको बाँहों में लेकर सो गया | सुबह लगभग 4 बजे हमने फिर से चुदाई की और उसके बाद मैं वापस अपने मकान में उसी रस्ते आ गया | अब जब भी मैं वहां जाता हूँ, हम चुदाई के मजे लेते हैं |
bus mai chut chudai
रात की चुदाई सुबह याद ना थी

kamukta, antarvasna मैं एक बिजनेसमैन हूं, मैं हर साल अपने परिवार के साथ कहीं ना कहीं घूमने के लिए जाता हूं मैं अब तक कई देशों में घूमने के लिए जा चुका हूं लेकिन इस बार मुझे मनाली जाना था, मैंने अपने घर के पास ही ट्रैवल एजेंट को फोन किया और उसे कहा की मुझे मनाली जाना है तुम वहां पर मेरे रहने और गाड़ी की व्यवस्था कर दो, उसने कहा ठीक है सर मैं सारी व्यवस्था कर देता हूं। मेरे पास ज्यादा वक्त नहीं होता था इसलिए मैं अपने पत्नी और बच्चों को ज्यादा समय नहीं दे पाता था, मेरी पत्नी का नाम काव्या है मैंने उन्हें कभी भी कोई कमी नहीं होने दी और हमेशा ही उन्हें मैं अपने साथ घुमाने के लिए लेकर जाता लेकिन फिर भी काव्या का मूड ठीक नहीं रहता था, मैंने कई बार काव्या को समझाया कि मैं यह सब तुम्हारे लिए ही तो कर रहा हूं लेकिन वह फिर भी मुझसे कभी खुश नहीं रहती।
इस बार मैं घूमने के लिए मनाली का प्लान बना चुका था और मेरे ट्रैवल एजेंट ने सारी व्यवस्था करदी थी, मैं दिल्ली से कार में ही जाने वाला था काव्या और मेरे बच्चों ने सारा सामान पैक कर दिया था, मैं जब सुबह जल्दी उठा तो ड्राइवर का फोन आ गया और वह कहने लगा सर आप लोग तैयार हो जाइए मैं दो घंटे में आपके घर पहुंच जाऊंगा। मैंने बच्चों से कहा कि तुम लोग तैयार हो जाओ दो घंटे बाद ड्राइवर आ जाएगा, काव्या और मेरे बच्चे तैयार हो गए और दो घंटे बाद वह ड्राइवर भी आ गया, ड्राइवर की उम्र 45 से 50 वर्ष की रही होगी। मैंने उससे कहा बस पांच मिनट रुक जाओ, उसने कहा सर कोई बात नहीं पांच मिनट बाद काव्या बच्चों को लेकर आ गई, हम लोगों ने सारा सामान डिक्की में रख दिया अब हम लोग मनाली के लिए निकल पड़े। मैं ड्राइवर के साथ आगे वाली सीट में ही बैठा हुआ था और रास्ते भर उससे बात करता रहा था, मैं जब मनाली पहुंचा तो वह मुझे होटल में लेकर गया, मैंने अपने एजेंट को फोन किया उसने कहा कि सर मैंने आपके रुकने की व्यवस्था कर दी है यदि आपको कोई भी परेशानी हो तो आप मुझे फोन कर दीजिएगा।
मुझे कोई भी ऐसी दिक्कत नहीं हुई होटल भी अच्छा था और वहां पर साफ-सफाई भी अच्छी थी, उस दिन तो हम लोगों ने आराम करने की ही सोची, शाम के वक्त का नजारा बड़ा ही सुंदर लग रहा था वहां पर टिमटिमाते हुए लाइट जैसे एक अलग ही नजारा पैदा कर रहे थे और सब कुछ बहुत अच्छा सा लग रहा था, हम लोगों के होटल के मैनेजर ने बताया कि सर आज शाम को होटल की तरफ से एक छोटी सी पार्टी रखी है जिसमें कि जितने भी लोग होटल में रुके हैं उन सबको इनवाइट किया है। शाम के वक्त हम लोग पार्टी में चले गए वहां पर ठीक-ठाक भीड़ थी वहां पर करीब 100 लोगों के आसपास की भीड़ थी और आगे से लाइव कंसर्ट भी चल रहा था, जो सिंगर गाना गा रहा था वह बड़े ही अच्छी आवाज में गाना गा रहा था मैं तो पार्टी को पूरा इंजॉय कर रहा था लेकिन काव्या का चेहरा थोड़ा उतरा सा लग रहा था मैंने उससे पूछा तुम्हारा मूड क्यों ऑफ है? वह कहने लगी मेरा मूड कहां ऑफ है बस ऐसे ही मैं तो गाने का इंजॉय ले रही हूं लेकिन मुझे लग रहा था कि उसका मूड वाकई में ऑफ है शादी के इतने वर्षों बाद हम दोनों एक दूसरे को कभी सही से पहचान ही नहीं पाए, हमारा बस सिर्फ नाम का ही रिश्ता रह गया था। हमारे सामने की टेबल पर एक परिवार बैठा हुआ था वह भी पार्टी का पूरा एंजॉय कर रहा था जैसे-जैसे पार्टी का समय बीता जा रहा था तो सब लोगों का आपस में इंट्रोडक्शन हो चुका था जो हमारे टेबल के सामने बैठे हुए थे उनका नाम कमल और सुमोना था, वह लोग पार्टी का पूरा एंजॉय कर रहे थे। कमल हमारे पास आया और कहने लगा आप भी हमें ज्वाइन कीजिए, काव्या और मैं हम लोग भी उनकी टेबल पर चले गए, मेरे साथ मेरे बच्चे भी थे मेरे बच्चे और उनके बच्चे आपस में खेलने लगे, अब हम लोगों का परिचय तो हो ही चुका था इसलिए हम सब लोग आपस में बात कर रहे थे काव्या भी सुमोना से बात कर रही थी अब उसके चेहरे पर भी थोड़ी बहुत मुस्कान थी।
सुमोना ने मुझसे पूछा कि तुम्हारी शादी को कितने वर्ष हो चुके हैं तो मैंने उसे बताया कि मेरी शादी को 12 वर्ष हो चुके हैं, वह कहने लगी कि हमारी शादी को भी 12 वर्ष हो चुके हैं इत्तेफाक की बात यह रही कि जिस दिन हम दोनों की शादी हुई थी उसी दिन उन दोनों की भी शादी हुई थी और अगले ही दिन मेरा बर्थडे था, कमल कहने लगा कि चलो यह तो अच्छी बात है हम लोग भी यहां चार-पांच दिन रुकेंगे और इसी बहाने आपका बर्थडे भी हम लोग सेलिब्रेट कर लेंगे, मैंने उन्हें कहा क्यों नहीं। हम लोगों ने साथ में एक अच्छा समय बिताया काफी समय बाद मैंने काव्या के चेहरे पर इतनी खुशी देखी थी वह बहुत खुश थी और कहने लगी मुझे सुमोना के साथ बात कर के अच्छा लगा, मैंने काव्या से कहा चलो इस बहाने तुम्हारी किसी से तो बात हुई नहीं तो तुम हमेशा ही उखड़ी सी रहती हो, काव्य मुझे कहने लगी अब तुम्हारा देखने का अंदाज ही ऐसा है तो मैं उसमें कुछ नहीं कर सकती और वह बिस्तर में जा कर लेट गई, फिर मैं भी सो गया और अगले दिन जब मेरे बर्थडे की तैयारी होटल में ही हो रही थी तो मैंने होटल में जितने भी गेस्ट रुके थे उन सबको इनवाइट कर लिया, उस दिन हमने ड्रिंक का भी इंतजाम कर दिया और जब काव्या और मैं डांस कर रहे थे तो सब लोग तालियां बजा रहे थे मैंने भी कमल से कहा कि तुम भी सुमोना के साथ डांस करो, कमल भी सुमोना के साथ डांस करने लगा हम लोग बड़े ही एंजॉय कर रहे थे और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैंने उस दिन थोड़ा ज्यादा शराब भी पी ली थी काव्या ने भी उस दिन थोड़ी ड्रिंक कर ली थी उसे भी हल्का नशा हो गया था, कमल और सुमोना भी लगातार ड्रिंक कर रहे थे जिससे कि उन दोनों को भी नशा होने लगा था लेकिन पार्टी में बड़ा मजा आ रहा था और सब लोग बहुत एंजॉय कर रहे थे।
धीरे-धीरे सब लोग नशे में होते जा रहे थे कमल तो इतना ज्यादा नशे में हो गया कि उसे मुझे कंधे में उठाकर उसके बिस्तर तक ले जाना पड़ा। काव्या भी सो चुकी थी सुमोना और मैं बैठ कर बात कर रहे थे सुमोना को तो जैसे बिल्कुल भी नशा नहीं हुआ था। उसने जब मेरी बाहों में आने की कोशिश की तो मुझसे भी नहीं रहा गया कमल भी सो चुका था और उसके बच्चे भी गहरी नींद में थे। मैंने सुमोना की ड्रेस को उतारते हुए उसकी लाल रंग की पैंटी को नीचे उतार दिया उसे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया। वह अपने मुंह से बड़ी मादक आवाज निकाल रही थी लेकिन उसकी गोरी गोरी गांड जब मेरे लंड से टकराती तो मुझे बड़ा मजा आता मैं उसके स्तनों को भी दबाए जा रहा था उसका बदन बड़ा ही सेक्सी है। सुमोना को चोदकर मुझे बड़ा मजा आ रहा था क्योंकि काव्या के साथ मैंने लंबे अरसे से सेक्स नहीं किया था हम दोनो के बीच जैसे सेक्स नाम की चीज बची ही नहीं थी लेकिन सुमोना ने उस दिन मेरी बरसो की इच्छा को पूरा कर दिया उसकी चूत मारने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था। मैंने उससे पूछा तुम तो कमल को बड़े ही मजे देती होंगी। वह कहने लगी मैने कमल को हमेशा सेक्स के लिए कभी कोई शिकायत नहीं होने दी उसके साथ में सेक्स का मजा लेती हूं लेकिन आज वह जल्दी सो गया इसलिए मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करने की इच्छा हुई। मैंने काफी देर तक सुमोना के बदन के मजे लिए जब उसकी चूत से पानी बाहर छूटने लगा तो मैं भी झडने वाला था मैंने अपने वीर्य को सुमोना की गोरी गांड पर गिरा दिया। हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए हम लोग काफी देर तक बात करते रहे रात भी काफी हो चुकी थी मैंने सुमोना से कहा मैं अब सोने चलता हूं वह कहने लगी मुझे भी बहुत नींद आ रही है मैं अपने रूम में सोने के लिए चला गया और सुमोना भी सो गई। अगली सुबह जब हम मिले तो जैसे सुमोना को कुछ भी याद नहीं था लेकिन रात भर मैंने उसके साथ जो मजे लिए मैं तो उसकी सिर्फ कल्पना मात्र से ही खुश हो जाता हूं।
हम सब लोगों ने पार्टी का तो रात भर मजा लिया था और सुबह हम लोग रात की पार्टी की ही बात कर रहे थे। कमल कहने लगा कि चलो इस बहाने हम दोनों परिवार की मुलाकात तो हुई और अब आगे भी मुलाकात होती रहेगी, मैंने कमल से कहा क्यों नहीं यदि आप लोग हमें अपने दिल में जगह दोगे तो हम लोग आपसे संपर्क करते रहेंगे, सुमोना कहने लगी कि हां हम लोगों को आपके साथ बहुत अच्छा लगा और मुझे तो काव्य के साथ भी बहुत अच्छा लगा, काव्या के चेहरे पर भी मुस्कान थी और उसके चेहरे पर मैं जब भी मुस्कान देखता तो मुझे बहुत अच्छा लगता। हम लोग जितने दिनों तक भी साथ में थे उतने दिन मुझे भी बहुत अच्छा लगा और जब हम लोग अपने घर वापस लौट आए तो कुछ दिनों तक तो मेरा मन काम करने का हुआ ही नहीं लेकिन फिर जब मैं काम करने लगा तो मैं अपने काम में व्यस्त हो चुका था और मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पा रहा था परंतु मैं कोशिश करते हुए अपने लिए समय निकालने लगा और कुछ समय काव्या के साथ भी बिताने लगा, काव्या के मूड में भी अब परिवर्तन होने लगा था और मैं उसे समझाने में सफल हो गया था कि मैं उससे प्यार करता हूं मेरे लिए यह बहुत खुशी की बात थी कि काव्या को भी मेरे प्यार का एहसास हो चुका था। वह हमेशा मेरा इंतजार करती और वह मुझे अब फोन भी करने लगी थी मैं बहुत खुश था और जब भी मुझे काव्या का फोन आता तो मैं उसे कहता कि बस मैं अभी घर पहुंच रहा हूं।
CHUT KI CHUDAI
खङा लँड दिखा कर चोदा chudai ki hindi sex story with lund picture
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में साक्षात्कार देने के लिए गया था।साक्षात्कार के समय पर मेरी मुलाकात
जन सम्पर्क अधिकारी स्वाति से हुई। उसकी शोर्ट स्कर्ट देख कर ही मेरा
लण्ड खड़ाहो रहा था ! मैं पागलों की तरह बस उसकी चूचे और गांड को देख रहा
था। उसकी गांड और चूचों को देख कर मेरा लण्ड एकदम तन गया था। मैंने टांग
के ऊपर टांग रख कर उसे दबाने की कोशिश की पर लण्ड बैठने का नाम नहीं ले
रहा था। तभी मेरा नाम बोला गया। मैंने सामान्य होने की कोशिश करते हुए
अंदर प्रवेश किया पर मेरा खड़ा हुआ लण्ड साफ़ दिखाई दे रहा था और स्वाति
की निगाह अब मेरे लण्डपर लग चुकी थी।
गुड मॉर्निन्ग मैडम कह कर मैं लण्ड को छुपाते हुए कुर्सी पर बैठ गया। मैं
स्वाति से निगाह नहीं मिला पा रहा था। निगाह ना मिलाने का एक कारण उसकी
चूचियाँ थी जिसकी वज़ह से मेरा लण्ड बैठने का नाम नहीं ले रहा था।
पर स्वाति शायद लण्ड की प्यासी थी, उसने मुझसे कहा- आप को बैठने के लिए
किसने बोला था?
मैंने कहा- माफ़ करें मैडम ! मैं मजबूर हूँ !
उसने मुझे खड़े होने के लिए कहा और खुद भी अपनी सीट से खड़ी हो गई। लेकिन
मैं खड़ा नहीं हुआ। अबवह खड़ी होकर मेरे लण्ड को निहाररही थी। ऐसा लग रहा
था कि वो लण्डसे खेलना चाहती थी। मैंने हाथ सेलण्ड को नीचे कर दोनों
टांगों केबीच में लण्ड को दबा लिया। अब मैं अपने आप को सुरक्षित महसूस कर
रहा था और उसी दशा में मैं सीधा खड़ा भी हो गया। उसने मेरा नाम पूछा और
कहा- तुम क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हो?
भगवान ने इसे छुपाने के लिए नहींबनाया है।
मैं उसकी बात सुनकर सकपका गया औरमेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया, मैंने
कहा- कुछ नहीं मैडम !
उसके बाद मैं सामान्य हो गया पर स्वाति के मन में कुछ और था और वहखुल कर
बोलने लगी- तुम लण्ड क्यों छुपा रहे हो?
मैं ऐसा सुन कर मन ही मन में सोचने लगा- आज तो भगवान मुझ पर मेहरबान हैं !
मैंने कहा- मैडम, आपकी चूची और गांड को देखकर मेरा लण्ड खड़ा होगया है और
अब यह बैठने का नाम नहीं ले रहा है ! और आप इन्टरव्यूलेने की बजाए मुझे
छेड़ रही हैं !बस इसी वज़ह से मैं ना तो आपसे निगाह मिला पा रहा हूँ और
लण्ड को छुपा रहा हूँ। असल में मैंने आपको जब टेस्ट के समय देखा था तभी
से भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि आपकी चूत मारने का मौका दिलवा दे !
स्वाति ने कहा- मुझे तुम्हारी निडरता अच्छी लगी।
तब मैंने कहा- और मेरा लण्ड
उसने कहा- तुम उतने शरीफ नहीं होजैसा मैं सोच रही थी। तुम काफ़ी शरारती
हो ! तुम इस नौकरी के लिय चुन लिए गए हो ! आज शाम 11 बजे मुझे इस पते पर
मिलो !
मैं फूला नहीं समा रहा था और मुझे वो कहावत याद आ रही थी- जब भगवान देता
है तो छप्पर फ़ाड़ करदेता है !
मैंने धन्यवाद मैडम ! कह कर स्वाति से हाथ मिलाने के बहाने उसकी चूची पर
चुटकी भर दी और वह चहुंक उठी। वो कौन सी पीछे रहने वाली थी, उसने आगे
बढ़कर सीधा लण्ड को पकड़ कर सहला दिया।.मैं सावधानी बरतते हुए जल्दी से
वहाँ से निकललिया और बस रात का इंतज़ार करने लगा।
आखिर रात भी आ गई और मैं उसके बताये स्थान पर पहुँच गया। उसने नाईटी पहन
रखी थी और वह घर पर अकेली थी। वो अपनी सहेली के साथ कमरे में रहती थी।
उसकी सहेली बाहर पार्टी में गई थी। उसकी नाईटी में से सब कुछ साफ़ साफ़
दिख रहा था। दरवाजे पर ही उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया। मैंने भी उसका
पूरा साथ दिया और जम कर उसके होंठों को चूसा और एक हाथ से दरवाजा बंद कर
दिया।
और अब धीरे-2 उसके चूचे दबाने लगा। इतनी ठण्ड होने के बावजूद हम दोनों
गरमाने लगे थे। धीरे-2 दोनों नंगे हो गए। स्वाति पहले से खेली-खाई लग रही
थी और वह सीधा लण्ड को पकड़ कर चूसने लगी।मैं भी उसके बालों को पकड़ कर
उसके मुँह को अपने लण्ड से चोदनेलगा। 30-35 झटकों के बाद मैं उसके मुँह
में झड़ गया। मुझे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रहाथा कि सुबह मैं जिसकी
चूत मारना चाह रहा था, वो अब मेरे लण्ड को चूस रही है. थोडी देर बाद ही
मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया और इस बार में उसके स्तन मुँह में लेकर चूस
रहा था और हाथ से उसकी चूत के दाने को रगड़ रहा था।
स्वाति एकदम गरम हो चुकी थी और कह रही थी- अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा
है, मेरी चूत को चोद दो !
मैंने भी उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया, अपने लण्ड को उसकी चूत के छेद
पर लगा कर सीधा जोर लगाया और आधा लण्ड उसकी चूत में घुस गया। उसकी चूत
कसी थी और उस झटके से उसके मुँह से चीख निकल गई। मैंने उसके मुँह पर हाथ
रख कर उसे रोका। थोड़ी देर में ही उसे मजा आने लगा और गांड हिला-2 कर खुद
चुदने लगी। धीरे-2 मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी। उसके मुँह से
आह ऊह्ह आः उछ स सी की आवाज़ निकलरही थी। ुझे अब अनुभव हो रहा था कि धरती
पर कही स्वर्ग है तो चूत मारने में ही है।
करीब 25-30 झटकों में वो और मैंदोनों एक साथ झड़ गये और काफी देर तक एक
दूसरे से लिपटे रहे। कुछ देर बाद फिर से हम दोनों एक दूसरे को वासना भरी
नजरों से देखरहे थे।
इस बार मेरी निगाह उसकी गांड पर थी पर वो इससे अनजान थी। मैंने ढेर सारी
क्रीम लेकर उसकी मस्तानी गाँर की छेद पर मलने लगा. मुझे ऐसा करते देख, वो
चुदास भरी नजरोँ से देखते हुए पूछी- ये क्या कर रहे हो राजा? उसने कहा-
मैंने अभी तक गांड नहीं मरवाई है।
मैंने कहा- अब मरवाओ ना!
इतना कह कर मैंने लण्ड का सुपाराउसकी गांड के छेद पर लगाया और हल्का सा
धक्का लगाया। सुपारा छेद में चला गया। गांड बहुत ज्यादा तंग थी। दर्द के
साथ-2 बहुत मजा आ रहा था। वह भी दर्द केमारे अ आ या ऊह रहने दो ! चिल्ला
रही थी।
थोड़ी देर में ही वह सामान्य हो गई और उसे भी मजा आने लगा। अब मैंभी पूरा
लण्ड उसकी गांड में बार बार अंदर-बाहर कर रहा था। काफी देर तक चुदाई करने
के बाद मैं उसकी गांड में झड़ गया। इस तरह उसकी गांड और चूत की चुदाई
पूरी रात चलती रही।
आप सभी को मेरी यह कहानी कैसी लगी मुझे जरूर मेल करें!
Thursday, October 24, 2019
chudai ki kahani
पति ने मुझे अपने भाई से सेक्स सम्बन्ध बनाने के लिए मजबूर किया
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मेरा नाम माधुरी मेरी उम्र 24 साल है आज मैं आपको अपनी एक कहानी सुनाने जा रही हूं यह कहानी थोड़ा अटपटा सा आपको जरूर लगेगा इसका कारण यह है मेरे पति ने ही मेरे छोटे भाई को यह परमिशन दिया कि आप अपनी बहन को मां बनाओ मैं चाहता हूं कि आपकी माधुरी के साथ सेक्स करो और प्रेग्नेंट करो क्योंकि डॉक्टर ने कहा कहा कि आप बाप नहीं बन सकते। अगर आप चाहते हो आपकी बहन खुश रहे तो आपको यह काम करना।
भाई के लिए अजीब सी बात थी कोई अपनी बहन के साथ कैसे सेक्स कर सकता है कैसे उसको प्रेग्नेंट कर सकता है कैसे उसके बच्चे का बाप बन सकता है. मुझे भी समझाया गया कोई बात नहीं देखो माधुरी अगर तुम चाहती हो हमारी जिंदगी सही से रहे मैं तो प्यार तुम्हें बहुत करता हूं पर यह सुख नहीं दे पाने के कारण यह मुझे करना पड़ रहा है नहीं तो कौन ऐसा पति होगा जो अपनी पत्नी से यह कहेगा आप सोचो आप मेरी भावनाओं को समझो और उसके को थोड़ा सा ताक पर रखो। जिंदगी में बहुत खुशियां आएगी बस एक थोड़ा सा गलत काम करना पड़ेगा।
मैं बोली ठीक है मैं अपने भाई से बात करूंगी और अपनी मां से भी बात करूंगी पर उन्होंने मां से बात करने के लिए मना कर दिया बोला कि यह बात हम तीनों के बीच रहेगा मैं भी सोचा चलो ठीक बोल रहे हैं जिंदगी काटने के लिए कुछ अच्छा करने के लिए गलत कदम भी उठाना पड़े तो कोई बात नहीं हमने अपने छोटे भाई से बात किया वह मान गया.
अब मैं इस कहानी के माध्यम से आपको पूरी घटना बताएं भाई होते हुए भी इस तरह से सेक्स किया 4 दिन तक हम दोनों कैसे एक होटल में रहे और कैसे वह मेरी चुदाई किया। मेरे पति ने हम दोनों के लिए गोवा में एक होटल बुक करवाया फ्लाइट की टिकट दी और ₹50000 दिए और बोले तो जाओ तुम ऐश करो.
हम लोग सुबह इंडिगो की फ्लाइट से दिल्ली से गोवा के लिए रवाना हो गए गोवा करें दिन में 2:00 बजे पहुंच रहे थे हम दोनों का कमरा बड़ा ही स्पेशलिस्ट था क्योंकि यह कमरा हनीमून पैकेज के लिए बुक कराया गया था जाते ही कमरे में देखें पूरा बेड सजा हुआ था। होटल वाले समझ रहे थे कि हम दोनों पति-पत्नी है।
मेरा भाई थोड़ा शर्मीला उसे थोड़ी हिचकिचाहट हो रही थी पर मैंने उसके हिचकिचाहट को दूर की और बोली यह मेरी जिंदगी का सवाल है अगर तुमने मुझे प्रेग्नेंट नहीं किया तो शायद तुम्हारी बहन वापस ससुराल नहीं जाएगी हो सकता है मेरा पति मुझे छोड़ दे क्योंकि कुछ ना कुछ कारण रहा। नहीं तो कौन ऐसा होगा कि अपने पत्नी को किसी गैर पुरुष को शेयर करेगा। उसकी हिचकिचाहट थोड़ी कम हुई और वह अब पति की तरह बिहेव करने लगा पहले वह मुझे कसकर अपनी बाहों में भर लिया मेरे होंठ को तुमने लगा अभी भी वह मेरे प्राइवेट पार्ट को छूने सहलाने और दबाने से इश्क जा रहा था मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने बूब पर रख दिया। वह मेरे बूब को धीरे धीरे दबाने लगा उसका लंड खड़ा होने लगा और फिर मेरे होंठ चूसने लगा मैं भी वाइल्ड होने लगी और भरपूर साथ दिया मैंने उसके होंठों को चूसने लगे उसके लंड को सहलाने लगी। यहीं से शुरुआत हुआ मेरे और मेरे भाई के बीच प्रेम प्रसंग और चुदाई का.
अपने भाई से बोली पहले हम दोनों अच्छे से नहा लेते हैं उसके बाद एक नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं हम दोनों ही एक साथ बाथरूम में गए हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े खुले कपड़े खोलते ही बाथरूम के अंदर का माहौल अलग हो गया हम दोनों एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट को निहारने लगे अचानक वह मेरे बूब टूट पड़ा। वह दबाने लगा मेरे निप्पल को चूसने लगा। मैं उसके बालों को पकड़ कर अपने बूब से लगा ली और सिसकारियां लेने लगी बैठ गया मेरी चूत को निहारने लगा। सहलाने लगा और फिर चाटने लगा मैं बाथरूम में ही लेट दें बाथरूम में शावर चल रहा था हम दोनों भीग रहे थे। मैं अपने दोनों पैरों को फैला दें मेरा भाई मेरी चूत को चाटने लगा. मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ रात सिसकारियां ले रही थी आह आह की आवाज कर रही थी।
उसके बाद वो मेरे ऊपर लेट गया मुझे किस करने लगा मेरे बूब्स को दबाने लगा मैं अपने भाई को दोनों पैरों के बीच में फंसा ली। वह अपने लंड को मेरी चुत पर सेट किया और धक्के देने लगा पर वह अनाड़ी था सही से उसका लंड मेरी चूत मैं नहीं जा रहा था मैंने फिर से उसके लंड को पकड़कर अपने चूत परफेक्ट थी और बोली धक्का दो वह धक्का दिया और उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर चला गया फिर क्या था दोस्त हम दोनों एक दूसरे को कस के पकड़ रखे थे ऊपर से वह धक्का दे रहा था बाथरूम में पानी बह रहा था सावर चल रहा था और फच फच की आवाज पूरे बाथरूम में गूंज रही थी मेरे अपनों से सेक्सी आवाज निकल रही थी ऐसा लग रहा था मानो जन्नत में हूं वह भी अपने मुंह से अलग अलग आवाज निकाल रहा था और जोर-जोर से मुझे चोद रहा था। वह कह रहा था दीदी आप गजब हो जीजा जी आप गजब अपने के मौका दिया है इसको मैं कभी नहीं भूलूंगा और आपकी जो मनोकामना है क्या प्रेग्नेंट मैं वह पूरा करूंगा और दीदी जब तक आप प्रेग्नेंट नहीं हो जाती है तब तक मैं आपको ऐसे ही सेक्स करता रहूंगा अब आप मेरी दीदी नहीं अब आप मेरी पत्नी अब आप मेरी रखैल हो अब मैं आपको रोज चुदाई करूँगा।
उसके बाद मैंने उसको नीचे लिटा दिया और मैं उसके ऊपर चढ़ गई उसका लंड काफी लंबा और मोटा हो चुका था मैंने फिर से पकड़ कर अपनी चूत पर सेट की और बैठ गई पूरा का पूरा लंड मेरी चूत मैं समा गया मैं उछल उछल कर उसके लंड पर बैठने लगे वह नीचे से धक्के देता मैं ऊपर से बैठ जा सच की आवाज और हम दोनों की अंगड़ाइयां और हम दोनों के मुंह से सेक्सी आवाज और एक दूसरे को गाली देना प्राइवेट पार्ट का नाम बोलना मेरी दोनों बड़ी-बड़ी गोल-गोल और टाइट चूचियों हम दोनों को बहुत अच्छा लगा। उसके बाद मैं खड़ी हो गई अपने एक पैर को थोड़ा ऊंचा की और वह भी खड़ा हो गया और बीच में नीचे से मेरे चूत मैं लंड को सेट किया और नीचे से ठोकने लगा।
हम दोनों एक दूसरे के होठ को पूछ रहे थे वह मेरी चूचियां दगा रहा था और नीचे से ठोंके जा रहा था। करीब 40 मिनट तक हम दोनों बाथरूम में चुदाई करते रहे हैं। और फिर हम दोनों एक साथ ही झड़ गए फिर हम दोनों ने मिलकर एक दूसरे के शरीर पर साबुन लगाना उस समय भी वह मेरे प्राइवेट पार्ट को खूब सहलाया और मैं भी उसके लंड मैं साबुन लगाई। नहा कर निकले उसके बाद होटल वाले पहले ही वाइन लाकर दी थी हम दोनों ने दी वैसे हम दोनों नंगे ही बैठे थे और वाइन पीते हैं। उसके बाद मेरा भाई मुझे किससे लिटा दिया और फिर मेरी चूत में वाइन डालकर चाटने लगा फिर मेरी बूब पर भी वाइन डाल दिया और चाटने लगा 10 मिनट में हम दोनों फिर से कामुक हो गए हम दोनों की कामुकता चरम पर चली गई उसने अब दोनों मेरे पैरों को अपने कंधे पर रखा और फिर से लंड का सुपाड़ा मेरे चूत के ऊपर रखा और फिर से जोर जोर से मुझे चोदने लगा हम दोनों फिर से वाइल्ड हो गए और एक दूसरे का सहयोग करने लगे मेरे चूत पानी निकलने लगा उसने मेरी चूत कि पानी को पी गया चाट कर एकदम साफ कर दिया,
अब उसने फिर से मेरी दोनों चूचियों को सटाया और दोनों चूचियों के बिच में लंड पेलने लगा। अब उसका माल निकलने वाला था तभी उसने तुझसे मेरी चूत में घुसा दिया और जोर-जोर से चोदने लगा करीब 5 मिनट में उसने अपना सारा माल मेरी चूत में डाल दिया फिर हम दोनों आराम से सो गए.
दोस्तों 4 दिनों में हमने करें 40 बार चुदाई की एक दूसरे को खुश किया और फिर वापस दिल्ली आ गए। अब देखिये मैं प्रेग्नेंट होती हूँ की नहीं अगर नहीं हुई तो फिर से मेरे पति कह रहे हैं इस बार दस दिन के लिए जाना। आशा करती हूँ आपको ये मेरी कहानी अच्छी लगी होगी।



